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जानिए यूपीकोका: राष्ट्रविरोधी तत्वों की खैर नहीं, इसके सहारे कसी जाएगी नकेल

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार मकोका की तर्ज़ पर आतंकवादी, नक्सली और राष्ट्रविरोधी तत्वों पर नकेल कसने के मक़सद से यूपीकोका क़ानून लाने जा रही हैं। गृह

Anoop Ojha
Published on: 6 Dec 2017 10:21 PM IST
जानिए यूपीकोका: राष्ट्रविरोधी तत्वों की खैर नहीं, इसके सहारे कसी जाएगी नकेल
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जानिए यूपीकोका: राष्ट्रविरोधी तत्वों की खैर नहीं, इसके सहारे कसी जाएगी नकेल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार मकोका की तर्ज़ पर आतंकवादी, नक्सली और राष्ट्रविरोधी तत्वों पर नकेल कसने के मक़सद से यूपीकोका क़ानून लाने जा रही हैं। गृह विभाग ने यूपीकोका का मसौदा तैयार कर लिया है। यूपी सरकार महाराष्ट्र में लागू मकोका क़ानून की तरह ही यूपीकोका यानि उत्तर प्रदेश कंट्रोल आफ आर्गेनाइज़्ड क्राइम एक्ट को अगली कैबिनेट की बैठक में पेश किया जा सकता है। सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में विधेयक के ज़रिये इसे क़ानून का रूप दे सकती है।

क्या होगा यूपीकोका क़ानून

यूपी में आतंकवादी, नक्सली और राष्ट्रविरोधी तत्वों पर नकेल कसने के लिए उत्तर प्रदेश कंट्रोल आफ आर्गेनाइज़्ड क्राइम एक्ट को लागू करने के लिए गृह विभाग ने मसौदा तैयार कर लिया है। इसमें किसी आरोपी के खिलाफ तभी मुकदमा दर्ज होगा, जब 10 साल के दौरान वह कम से कम दो संगठित अपराधों में शामिल रहा हो। यूपीकोका क़ानून के तहत मामला चलाने के लिए एडीजी रैंक के अफसर की मंज़ूरी लेनी होगी। इसके अलावा आरोपी के खिलाफ एफआईआर के बाद चार्जशीट दाखिल की गई हो। इस मामले में पुलिस को 180 दिन में चार्जशीट दाखिल करनी होगी ऐसा नहीं करने पर आरोपी को ज़मानत मिल सकती है। यूपीकोका के तहत आरोपी को 30 दिन के लिए रिमांड पर लिया जा सकेगा।

यूपीकोका के तहत संगठित अपराध अंडरवर्ल्ड से जुड़े अपराधी, जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण, हत्या या हत्या की कोशिश, धमकी, उगाही सहित ऐसा कोई भी गैरकानूनी काम जिससे बड़े पैमाने पर पैसे कमाए जाते हैं, मामले शामिल है। इस कानून के तहत अधिकतम सजा फांसी की है, जबकि न्यूनतम पांच साल जेल का प्रावधान रखा जाएगा है। क़ानून के जानकार कहते हैं कि यूपीकोका एक्ट के अमल में आ जाने के बाद आरोपियों को आसानी से जमानत नहीं मिल सकेगी।

क्या है मकोका

महाराष्ट्र सरकार ने 1999 में मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) बनाया था। इसका मुख्य मकसद संगठित और अंडरवर्ल्ड अपराध को खत्म करना था। 2002 में दिल्ली सरकार ने भी इसे लागू कर दिया। फिलहाल महाराष्ट्र और दिल्ली में यह कानून लागू है।



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Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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