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UP: योगी सरकार का बड़ा फैसला, सरकारी दफ्तरों में प्लास्टिक बोतलों और कागज के बेजा इस्तेमाल पर लगी रोक
Up News: मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की तरफ से सभी सरकारी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है, दफ्तरों में अधिक से अधिक सॉफ्ट कॉपी का इस्तेमाल हो। प्लास्टिक बोतल का उपयोग भी बंद हो।
योगी आदित्यनाथ (Social Media)
Up News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक और कागजों की बर्बादी रोकने को लेकर बड़ा और अहम फैसला लिया है। उम्मीद है प्रदेश सरकार के इस कदम से प्लास्टिक के प्रयोग और कागजों की बर्बादी को रोका जा सकेगा। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र (CS Durga Shankar Mishra) की ओर से सभी सरकारी अधिकारियों को संबंध में निर्देशित किया गया है। अधिकारियों को कहा गया है कि, दफ्तरों में अधिक से अधिक सॉफ्ट कॉपी का ही इस्तेमाल किया जाए।
मुख्य सचिव ने अपने निर्देश में ये भी कहा, कि बैठकों में पानी के लिए प्लास्टिक बोतल का प्रयोग अब नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं, फिजिकल यानी हार्ड कॉपी के इस्तेमाल कम किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं। दुर्गा शंकर मिश्र की ओर से स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि, इन निर्देशों का सख्ती से पालन तत्काल सुनिश्चित किया जाए।
'निर्देशों के बाद भी प्लास्टिक के प्रयोग हो रहे'
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि, 'ये लगातार देखने में आ रहा है कि बार-बार निर्देशों के बाद भी विभागों द्वारा प्लास्टिक कवर और सिंगल साइड प्रिंट कर बुकलेट प्रस्तुत किए जा रहे हैं। साथ ही, कागज के दुरुपयोग और प्लास्टिक इस्तेमाल पर्यावरण की दृष्टि से उचित नहीं है। उन्होंने कहा, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन (Environment and Climate Change) के प्रति संवेदनशीलता प्रत्येक अधिकारी की नैतिक तथा शासकीय जिम्मेदारी है।'
सरकारी दफ्तरों को ये दिए गए हैं निर्देश :
- सरकार के सभी अधिकारियों तथा विभागाध्यक्षों द्वारा अधिक से अधिक सॉफ्ट कॉपी का ही इस्तेमाल किया जाए।
- फिजिकल यानी हार्ड कॉपी का प्रयोग कम से कम किया जाए।
- जब भी प्रिंट करने की आवश्यकता हो, तो डबल साइड ही प्रिंट किए जाएं।
- प्लास्टिक कवर और स्पाइरल बाइंडिंग (spiral binding) का कभी भी प्रयोग न हो।
- सभी पत्रावलियां ई-ऑफिस के माध्यम से ही भेजी जाएं।
- यदि भौतिक पत्रावलियां भेजना अपरिहार्य हो तो कागज के दोनों तरफ प्रिंट किया जाए।
- मीटिंग में पानी के लिए प्लास्टिक बोतलों का प्रयोग कभी न किया जाए।