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योगी सरकार के साढ़े चार साल पूरे, पढ़े- कितना बदला यूपी, क्या हैं उपलब्धियां
yogi sarkar ke sade char saal : प्रदेश की बीजेपी सरकार ने सत्ता में आने के बाद सबसे पहले कानून-व्यवस्था दुरुस्त करने पर बल दिया। योगी कहते रहे हैं कि हमने कानून-व्यवस्था को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी हुई है।
Yogi Sarkar ke sade char saal: अमूमन किसी सरकार की उपलब्धियों की रिपोर्ट और उस पर चर्चा हर साल होती है। लेकिन उससे हटकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के साढ़े चार साल के काम की चर्चा (yogi sarkar ke sade char saal ) हो रही है। इसकी एक वजह यह भी है कि जब इस सरकार के चार साल पूरे हुए थे तब कोरोना महामारी की दूसरी लहर चरम पर थी। इस कारण राज्य सरकार किसी तरह के कार्यक्रम करने से बचती रही।
अपनी सरकार के चार साल पूरे होने के वक्त योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उनके शासन में प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ। अपराधियों पर नकेल कसने में सरकार सफल रही। पर्व-त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाए जा रहे हैं, यही उनके सरकार की उपलब्धि है। योगी सरकार ने अपने चार साल के कार्यकाल पूरा होने पर एक पुस्तिका बांटी थी, जिसका स्लोगन 'वर्षों में जो न हो पाया, चार वर्ष में कर दिखाया' था। इस पुस्तिका में योगी सरकार के चार साल के कार्यों की विस्तार से चर्चा की गई थी।
महिला सशक्तिकरण पर ध्यान
सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) सरकार की तरफ से दावा किया जाता रहा है कि उन्होंने अपनी सरकार के कालखंड में प्रदेश के गांव, गरीब और महिलाओं को सशक्त (women empowerment) बनाने की कोशिश की है। समाज की हर महिला तक विकास योजनाओं (development plans) का लाभ पहुंचे, ऐसा काम किया है। महिला कल्याण के लिए मिशन शक्ति अभियान शुरू किया गया। तहसील और थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई। राज्य की बेटियों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा।
युवाओं को रोजगार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार कहती रही है कि पूर्ववर्ती सरकारों की तुलना में उनकी सरकार ने रोजगार (Rojgar) के ज्यादा अवसर मुहैया करवाए। एक अवसर पर योगी ने कहा था कि जब 2017 में वो सत्ता में आये थे तब हर सरकारी भर्ती पर कोर्ट से रोक लगी थी। बावजूद हमारी सरकार ने राज्य के चार लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी दी। साथ ही ईज ऑफ डूइंको को सुगम बनाया। इस रैंकिंग में 2016 में यूपी 14वें स्थान पर था, जो अब पहले स्थान पर है।
फ्री लैपटॉप योजना
योगी आदित्यनाथ का मानना है कि वर्तमान समय में बिना लैपटॉप के छात्रों का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। इसकी के तहत 'योगी मुफ्त लैपटॉप योजना 2021' या 'यूपी फ्री लैपटॉप स्कीम' (UP Free Laptop Scheme) का शुभारंभ किया है। इस योजना का मकसद होनहार गरीब छात्रों को लैपटॉप जैसी महत्वपूर्ण सुविधा का लाभ देना है। सरकार ने मुफ्त लैपटॉप योजना के लिए 1,800 करोड़ रुपए का प्रस्ताव चालू बजट सत्र में रखा है। यूपी सरकार फ्री लैपटॉप योजना के तहत राज्य के 25 लाख छात्रों को लैपटॉप बांटेगी। यह योजना उन गरीब छात्रों के लिए है जो 12वीं उत्तीर्ण कर कॉलेज में एडमिशन लेने वाले हैं।
कानून-व्यवस्था दुरुस्त, अपराधियों की शामत
प्रदेश की बीजेपी सरकार ने सत्ता में आने के बाद सबसे पहले कानून-व्यवस्था (Law and order) दुरुस्त करने पर बल दिया। योगी कहते रहे हैं कि हमने कानून-व्यवस्था को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी हुई है। इसी का नतीजा है कि बीते साढ़े चार सालों में पुलिस ने कई अपराधियों को एन्काउंटर कर मार गिराया या उसे जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया।
अवैध कब्जाधारियों पर नकेल
योगी सरकार लगातार इस बात को कहती रही है कि उन्होंने अपनी सरकार के दौरान कभी किसी निर्दोष का मकान नहीं ढ़हाया। सरकार ने उन्हीं लोगों पर कार्रवाई की है जो सरकारी या गरीबों की जमीनों पर अवैध कब्जा या अवैध निर्माण किए बैठे थे। एक चैनल के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने कहा था,"यह अभियान ऐसे तत्वों के खिलाफ है, जो अपराध में भविष्य देख रहे हैं। उन्हें चेतावनी है कि संभल जाओ। अपराध से की गई कमाई ऐसी ही जाएगी।" योगी सरकार अतीक अहमद, आज़म खान और मुख्तार अंसारी जैसे बाहुबलियों पर हुई कार्रवाई को किसी एक धर्म से देखने को गलत मानती है। उनका कहना होता है कि ऐसा अगर था तो विकास दुबे पर कार्रवाई क्या थी?
कृषि और एमएसएमई पर जोर
योगी सरकार का कहना है कि उन्होंने दो क्षेत्रों पहला कृषि और दूसरा, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) पर ध्यान लगाया है। इसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। इससे आय भी बढ़ी और कर्ज लेकर खर्च नहीं करना पड़ रहा है। रजिस्ट्रेशन स्टांप से भी सरकारी आय बढ़ाई गई है। इसके अलावा मंडी लीकेज पर भी सख्ती की गयी है।
कोरोना प्रबंधन की सराहना
इन सब के बीच योगी सरकार का परफॉर्मेंस कोरोना काल के दौरान बेहतरीन रहा। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने भी राज्य सरकार के काम की जमकर तारीफ की। साथ ही कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाने की रफ्तार भी देश के अन्य राज्यों से यूपी में बेहतर है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में अहम कदम उठाते हुए योगी सरकार प्रदेश में 30 नए मेडिकल कॉलेज खोल रही है। साथ ही गोरखपुर और रायबरेली में दो नए एम्स खोले जा रहे हैं।
1.27 लाख करोड़ गन्ना किसानों को भुगतान
उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का मुद्दा अब तक एक समस्या के रूप में ही रहा है। लेकिन योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में 1 लाख 27 लाख करोड़ रुपए का बकाया गन्ना भुगतान कर नया रिकॉर्ड बनाया है। कोरोना काल के दौरान भी प्रदेश की सभी 119 चीनी मिलें सफलतापूर्वक काम करती रहीं।
धार्मिक टूरिज्म पर जोर
योगी आदित्यनाथ की सरकार 'रामराज्य' की परिकल्पना में विश्वास रखते हुए राम सर्किट, बौद्ध सर्किट, जैन सर्किट और सूफी सर्किट पर काम कर रही है। चाहे दीपावली के मौके पर सरयू के किनारे लाखों दिये जलाना हो या काशी की देव दीपावली, हर मौके को योगी सरकार ने धार्मिक टूरिज्म के तौर पर बढ़ाने का काम किया है।
मेट्रो रेल सेवा बनेगी रीढ़
प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ ने शनिवार को गोरखनाथ मंदिर से कानपुर और आगरा मेट्रो की प्रथम प्रोटोटाइप ट्रेन का वर्चुअल अनावरण किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, "देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के चार शहरों लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मेट्रो रेल का संचालन सफल रहा है। आगरा और कानपुर में मेट्रो का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है। इसके अलावा गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ और झांसी में मेट्रो के लिए डीपीआर लगभग तैयार है। यह मेट्रो रेल सेवा भविष्य में परिवहन क्षेत्र की रीढ़ बनेगा।"