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UP: प्रदेश के सभी प्रधान डाकघरों में UPI से भुगतान की सुविधा शुरू, अब QR Code के जरिये करें पेमेंट
इस सेवा का शुभारंभ 16 अप्रैल से किया गया, जिनमें वाराणसी परिक्षेत्र के सभी 6 प्रधान डाकघर- प्रधान डाकघर वाराणसी, वाराणसी कैंट, जौनपुर, गाजीपुर, बलिया व रसड़ा भी शामिल हैं।
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश सहित देशभर के प्रधान डाकघरों (Head Post Offices) के बुकिंग काउंटरों पर अब क्यू.आर. कोड (QR code) लगाए गए हैं। जिन्हें स्कैन (Scan) कर ग्राहक यू.पी.आई (UPI) के माध्यम से डिजिटल भुगतान (Digital Payment) कर सकेंगे। भुगतान की प्रक्रिया ग्राहक द्वारा पूर्ण करने पर सॉफ्टवेयर सेन्ट्रल सर्वर से भुगतान संपन्न होने की जानकारी लेगा और ग्राहक की रसीद प्रिंट हो जाएगी।
पहले फेज में सभी प्रधान डाकघरों में 16 अप्रैल से इस सेवा का शुभारंभ किया गया, जिनमें वाराणसी परिक्षेत्र के सभी 6 प्रधान डाकघर- प्रधान डाकघर वाराणसी, वाराणसी कैंट, जौनपुर, गाजीपुर, बलिया व रसड़ा भी शामिल हैं। प्रधान डाकघरों में स्पीड पोस्ट, पार्सल, पंजीकृत पत्रों की बुकिंग और देश-विदेश को भेजे जानी वाली विभिन्न प्रकार के पत्र/पार्सल व अन्य डाक वस्तुओं के बुकिंग चार्ज का भुगतान अब कैश (Cash) के अलावा डिजिटल पेमेंट के माध्यम से भी हो सकेगा। डाक विभाग ने डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था के लिए क्यू.आर. कोड से यू.पी.आई आधारित आनलाइन भुगतान (online payment) की सुविधा ग्राहकों के लिए उपलब्ध करा दी है।
ऐसे करेगा काम
पोस्ट मास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया, कि 'डिजिटल भुगतान प्राप्त करने के लिए प्रधान डाकघरों के बुकिंग काउंटरों पर क्यू.आर. कोड लगाये गए हैं, जिसका प्रयोग कर यू.पी.आई के माध्यम से डिजिटल भुगतान किया जा सकेगा। पत्र एवं पार्सलों की बुकिंग के दौरान काउंटर क्लर्क द्वारा पॉइंट ऑफ सेल पर पत्र के प्रेषक व प्राप्तकर्ता की सभी जानकारियों को दर्ज करने के उपरांत ग्राहक को रकम बताई जायेगी और क्यू.आर. कार्ड को स्कैन कर भुगतान की प्रक्रिया संपन्न करने को कहा जाएगा। उक्त क्यू आर कोड को स्कैन कर किसी भी यू.पी.आई पेमेंट मोबाइल एप्लीकेशन जैसे डाक पे, गूगल पे, फोन पे, पेटीएम, अमेजन पे आदि के द्वारा भुगतान किया जा सकेगा।'
ग्राहकों की सुविधा में इजाफा
पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा, 'डाकघरों में इस सेवा के शुरू होने से ग्राहकों की सुविधाओं में इजाफा होने के साथ-साथ डिजिटल अर्थव्यवस्था भी सुद्रढ़ होगी। अब डाकघरों में आए हुए ग्राहकों को फुटकर रुपयों की समस्या से राहत मिल जाएगी और काउंटर पर बैठे डाक सहायक को रुपयों के लेन-देन से भी छुटकारा प्राप्त हो जाएगा। काउंटर पर रुपयों का लेन-देन शामिल न होने से समय की भी बचत होगी।'