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UPPCL PF Scam: वधावन बंधु सात दिन रहेंगे लखनऊ जेल में, सीबीआई करेगी पूछताछ

UPPCL PF Scam: कपिल वधावन और धीरज वधावन को सात दिन के लिए सीबीआई की रिमांड में भेज दिया गया है।

Krishna Chaudhary
Published on: 26 May 2022 3:05 PM GMT
UPPCL PF Scam: वधावन बंधु सात दिन रहेंगे लखनऊ जेल में, सीबीआई करेगी पूछताछ
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वधावन बंधु भेजे गए सीबीआई रिमांड में (फोटो- आशुतोष त्रिपाठी, न्यूजट्रैक) 

UPPCL PF Scam: उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) से जुड़े हजारों करोड़ के पीएफ घोटाले (PF Scam) में सीबीआई (CBI) ने जांच तेज कर दी है। इस घोटाले में आरोपी बनाए गए कपिल वधावन (Kapil Wadhawan) और धीरज वधावन (Dhiraj Wadhawan) को गुरूवार को लखनऊ लाया गया और सीबीआई की स्पेशल अदालत (CBI Special Court) में पेश किया गया। अदालत ने दोनों भाईयों को सात दिन के लिए सीबीआई की रिमांड (CBI Remand) में भेज दिया। डीएचएफएल के प्रमोटर्स (Promoters of DHFL) वाधवन बंधुओं को इस केस में सीबीआई ने आरोपी बनाया है।

मुंबई पुलिस (Mumbai Police) की सुरक्षा में दोनों आरोपी सीबीआई की अदालत में हाजिर हुए। कोर्ट में पेश करने से पहले दोनों का सिविल अस्पताल में मेडिकल चेकअप हुआ। अदालत के आदेश के बाद अब सात दिन तक कपिल और धीरज वधावन लखनऊ की जेल (Lucknow Jail) में रहेंगे और सीबीआई उनसे यहीं पूछताछ करेगी।

(फोटो- आशुतोष त्रिपाठी, न्यूजट्रैक)

2020 में सीबीआई ने शुरू की जांच

बता दें कि यह यूपीपीसीएल कर्मचारियों की भविष्य निधि के 2631.21 करोड़ रुपये के निवेश में हुए घोटाले का मामला साल 2019 में उजागर हुआ था। इसकी जांच पहले यूपी पुलिस की इकोनॉमिक विंग कर रही थी। फिर 2020 में यह मामला सीबीआई के पास चला गया।

(फोटो- आशुतोष त्रिपाठी, न्यूजट्रैक)

सीबीआई ने खोला पूरा मामला

बता दें कि यूपीपीसीएल की 4300 करोड़ से अधिक की भविष्य निधि को डीएचएफएल समेत अन्य अन्य हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों में इनवेस्ट किया गया था। यह पैसा बिजली कंपनी के कर्मचारियों का था। मामले की जांच के दौरान सीबीआई को पता चला की भविष्य निधि के तहत यूपीपीसीएल कर्मचारियों की 4,323 करोड़ रूपये से अधिक की बचत डीएचएफएल और अन्य हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों में कथित तौर पर निवेश की गई।

(फोटो- आशुतोष त्रिपाठी, न्यूजट्रैक)

आरोप है कि डीएचएफएल में 4,122 करोड़ रूपये निवेश किए गए, जिनमें से 2267 करोड़ रूपये अब भी बकाया है। डीएचएफएल में यह निवेश सरकारी गाइडलाइंस से इतर जाकर किया गया था। यह पैसा सरकारी कर्मचारियों के बचत का पैसा था। इस मामले में कई सीनियर अधिकारी नप चुके हैं।

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Shreya

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