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आयोग की परीक्षाओं के खिलाफ सी.बी.आई.जांच का रास्ता साफ

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उ.प्र. लोक सेवा आयोग इलाहाबाद की 5 साल की परीक्षाओं की सी.बी.आई. जाँच के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है। आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों ने सीबीआई जांच की वैधानिकता को चुनौती दी थी। आयोग का कहना था कि वह एक संवैधानिक संस्था है जिस

Anoop Ojha
Published on: 28 Feb 2018 2:33 PM GMT
आयोग की परीक्षाओं के खिलाफ सी.बी.आई.जांच का रास्ता साफ
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इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उ.प्र. लोक सेवा आयोग इलाहाबाद की 5 साल की परीक्षाओं की सी.बी.आई. जाँच के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है। आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों ने सीबीआई जांच की वैधानिकता को चुनौती दी थी। आयोग का कहना था कि वह एक संवैधानिक संस्था है जिसकी जांच कराने का अधिकार सरकार को नहीं है। कोर्ट ने आयोग के तर्क को नहीं माना और हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। हाईकोर्ट के इस आदेश से सी.बी.आई. को आयोग की भर्तियों के खिलाफ जांच का रास्ता साफ हो गया है।

यह आदेश मुख्य जस्टिस डी.बी. भोसले तथा जस्टिस सुनीत कुमार की खंडपीठ ने अध्यक्ष व सदस्य के मार्फत लोक सेवा आयोग की याचिका पर दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता शशिनन्दन, सी.बी.आई. अधिवक्ता व भारत सरकार के सहायक सालिसिटर जनरल ज्ञान प्रकाश, अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता ए.के. गोयल व जे.एफ. रिवेलो व अन्य पूर्व पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों के अधिवक्ता आलोक मिश्र ने बहस की।

मालूम हो कि राज्य सरकार ने आयोग की परीक्षाओं में धांधली की शिकायतों को देखते हुए सी बी आई जाँच कराने का निर्णय लिया। और केंद्र सरकार को संस्तुत्ति भेजी। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के अनुरोध को स्वीकार करते हुए पिछली 5 साल की परीक्षाओं की सी.बी.आई. जाँच की अधिसूचना जारी की। आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों ने इसे चुनौती दी। इनका कहना था कि आयोग के खिलाफ राष्ट्रपति की संस्तुति पर सुप्रीम कोर्ट को ही जांच करने का अधिकार है। अन्य एजेंसी को जांच का अधिकार नहीं है। सरकार को एक संवैधानिक संस्था की जांच कराने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने अध्यक्ष व सदस्यों को बुलाकर पूछताछ करने पर रोक लगा दी थी और कहा था कि सी.बी.आई. जाच जारी रखे। राज्य सरकार व सी.बी. आई. की तरफ से कहा गया कि शिकायतों की प्रारंभिक जांच की जा रही है।

साक्ष्य मिलने पर एफआईआर दर्ज कर सी.बी.आई. विवेचना करेगी। सरकार ने शिकायतों की गम्भीरता का परीक्षण कर ही जांच कराने का फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट के जांच का अधिकार सी.बी.आई. जांच से प्रभावित नहीं होता। यदि परीक्षा में धांधली की शिकायत आती है तो सरकार को निष्पक्ष जांच कराने का अधिकार है। कोर्ट ने 7 फरवरी को फैसला सुरक्षित कर लिया था।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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