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UP DGP : यूपीएससी ने पूछा मुकुल गोयल को क्यों हटाया, सरकार का जवाब डीजीपी बनने लायक नहीं थे

यूपीएससी ने पूर्व डीजीपी मुकुल गोयल को हटाने को लेकर सवाल पूछे थे, जिसका योगी सरकार ने जवाब दिया है। सरकार ने यूपीएससी को बताया है कि मुकुल गोयल इस लायक नहीं थे।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 25 Sept 2022 2:35 PM IST
Former DGP Mukul Goyal
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यूपी के पूर्व DGP मुकुल गोयल। (Social Media)

Lucknow: उत्तर प्रदेश के नए पुलिस मुखिया (UP New Police Chief) को लेकर सरकार और यूपीएससी आमने सामने आ गए हैं। योगी सरकार (Yogi Government) के द्वारा यूपीएससी (UPSC) को कुछ चैनलों के नाम भेजे थे जिसे संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) ने ठुकरा दिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश (Supreme Court orders) का हवाला देते हुए कहा कि हम सीनियरिटी को नजरअंदाज नहीं कर सकते। यूपीएससी ने पूर्व डीजीपी मुकुल गोयल (Former DGP Mukul Goel) को हटाने को लेकर सवाल पूछे थे, जिसका योगी सरकार ने जवाब दिया है। सरकार ने यूपीएससी को बताया है कि मुकुल गोयल इस लायक नहीं थे कि वह उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के डीजीपी बनते। उन्हें सिर्फ वरिष्ठता को ध्यान में रखते ही डीजीपी नहीं बनाया जा सकता, कार्यक्षमता भी होनी चाहिए।

पिछले 4 महीनों से उत्तर प्रदेश को स्थाई डीजीपी की तलाश

सूत्रों की मानें सरकार उत्तर प्रदेश का नया डीजीपी उस अधिकारी को बनाना चाहती है जिसके अंदर कानून व्यवस्था को संभालने की क्षमता हो। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कुछ पैनलों के नाम भेजे थे, जिस पर यूपीएससी ने सरकार से सवाल पूछे थे। मुकुल गोयल को हटने के बाद उत्तर प्रदेश में अभी तक डीएस चौहान कार्यवाहक डीजीपी का तौर पर कार्य कर रहे हैं। पिछले 4 महीनों से उत्तर प्रदेश को स्थाई डीजीपी की तलाश है। अब सरकार ने जब नए नाम भेजे तो उस पर यूपीएससी और सरकार के बीच नामों को सवाल जवाब शुरू हो गया है।

पूर्व DGP मुकुल गोयल पर आरोप

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक योगी सरकार ने मुकुल गोयल को लेकर कहा है कि उनके अंदर कार्यकुशलता और कार्यक्षमता की कमी है. वह इस लायक नहीं थे की उन्हें डीजीपी बनाए रखते. इससे पहले मुकुल गोयल पर कई आरोप भी लग चुके हैं. वर्ष 2006-07 में पुलिस भर्ती घोटाले में वह सस्पेंड भी हो चुके हैं. इसके साथ ही मुजफ्फरनगर दंगे के वक्त वह उत्तर प्रदेश के एडीजी एलओ थे. उस वक्त भी कार्य अक्षमता के कारण उन्हें हटाया गया था. इसके साथी सहारनपुर में तैनाती के दौरान उन्हें सस्पेंड किया गया था. डीजीपी बनने के बाद से ही उनकी कार्य शैली को लेकर लगातार सवाल खड़े हुए थे. उनकी मौजूदगी कहीं नहीं दिखती थी. बड़ी घटनाओं में भी वह बाहर नहीं निकलते थे. इसके साथ ही भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे थे. इसी को ध्यान में रखकर सरकार ने कहा है कि कोई जरूरी नहीं कि जो सीनियर हो उसके भीतर पूरी कार्यक्षमता होती है.

सितम्बर के पहले सप्ताह में भेजे गए थे नाम

बता दें सितंबर के पहले सप्ताह में डीजीपी के चयन को लेकर योगी सरकार ने आयोग को अपनी रिपोर्ट भेजी थी. सरकार ने मुकुल गोयल को 11 मई 2022 को कार्य में लापरवाही का आरोप लगाते हुए डीजीपी पद से हटा दिया था. उनकी जगह पर डीएस चौहान को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया था. तब से वह इसका पद पर बने हुए हैं. मुकुल गोयल इस वक्त डीजी सिविल डिफेंस के पद पर तैनात हैं. इस बात की चर्चा काफी समय से चल रही थी उत्तर प्रदेश को जल्द स्थाई डीजीपी मिल जाएगा. डीएस चौहान के बारे में भी कहा जा रहा था कि उन्हें इस पद पर अस्थाई नियुक्ति नहीं मिलेगी.

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

यूपीएससी ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला दिया है जिसमें शीर्ष अदालत ने डीजीपी चयन को लेकर यह आदेश दिया था कि डीजीपी का कार्यकाल 2 वर्ष का होना चाहिए. अगर भ्रष्टाचार, आपराधिक मामलों में सजा, भारतीय सेवा नियमों के उल्लंघन का मामला साबित होता है तो किसी डीजीपी पद से हटाया जा सकता है. इसके साथ ही डीजीपी के चयन के लिए पैनल उसी अफसर का नाम शामिल किया जाता है जिसके रिटायरमेंट में कम से कम 6 महीने का वक्त बचा हो. यूपीएससी की तरफ से मांगी गई जानकारी पर उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि काम में लापरवाही के चलते डीजीपी पर एक्शन हुआ था.

ये तीन आईपीएस हैं वरिष्ठ

यूपी में 3 आईपीएस अफसर वरिष्ठ हैं. जिनमें मुकुल गोयल फरवरी 2024 में रिटायर होंगे यानी अभी उनकी सर्विस को डेढ़ साल बचे हैं. दूसरे नंबर पर 1988 बैच के आईपीएस अफसर आरके विश्वकर्मा हैं जो मई 2023 में रिटायर होंगे. वहीं वर्तमान में कार्यवाहक डीजीपी डीएस चौहान मार्च 2023 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं. ऐसे में आयोग ने यूपी सरकार से यह जवाब मांगा है कि मुकुल गोयल के खिलाफ ऐसा क्या मामला था कि उन्हें डीजीपी पद से हटाया गया. सूत्रों के मुताबिक सरकार ने अपने पैनल में जिन अफसरों का नाम भेजा है उनमें यह तीनों शामिल नहीं है।



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Deepak Kumar

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