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बेटे को IPS बनाने के लिए मां ने छोड़ दी ऐशो-आराम की जिंदगी

यूपीएसपी एग्जाम पास करना हर किसी का सपना होता और इस सपने को पूरा किया सुशांत सिंह ने। गाजीपुर के खानपुर गांव के रहने वाले सुशांत सिंह ने यूपीएससी एग्जाम में 189 वां रैंक हासिल जिले का मान बढ़ाया है।

Dharmendra kumar
Published on: 6 April 2019 8:53 PM IST
बेटे को IPS बनाने के लिए मां ने छोड़ दी ऐशो-आराम की जिंदगी
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गाजीपुर: यूपीएसपी एग्जाम पास करना हर किसी का सपना होता और इस सपने को पूरा किया सुशांत सिंह ने। गाजीपुर के खानपुर गांव के रहने वाले सुशांत सिंह ने यूपीएससी एग्जाम में 189 वां रैंक हासिल जिले का मान बढ़ाया है। सुशांत सिंह की कामयाबी की कहानी फिल्मी तो नहीं है, लेकिन हर उस मां के लिए एक प्रेरणा जरूर है, जो अपने बेटे को बड़े मुकाम पर देखना चाहती है।

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बेटे के लिए छोड़ दी ऐशो आराम की जिंदगी

सुशांत सिंह के पिता अशोक कुमार सिंह बंगाल कैडर के आईएफएस हैं और फिलहाल कोलकाता में तैनात हैं, जबकि उनकी मां अनुराधा हाउस वाइफ हैं। सुशांत की मां का सपना था कि वो अपने पिता से ऊपर जाए। वो अपने बेटे को आईपीएस बनाना चाहती थीं। उनकी जिद देखते ही देखते कब जुनून में बदल गई, पता ही नहीं चला। घर में ऐशो आराम की जिंदगी छोड़ अनुराधा ने अपनी जिंदगी का एक बड़ा वक्त सुशांत की पढ़ाई में लगा दिया। आईएफएस होने के चलते उनके पति अशोक सिंह का ट्रांसफर होता रहता था, लेकिन अनुराधा हर वक्त सुशांत सिंह के साथ रहती थीं।

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दिल्ली से लेकर देहरादून तक मिला मां का साथ

पढ़ाई के सिलसिले में सुशांत चाहे दिल्ली रहे हों या फिर देहरादून, बेटे का ख्याल रखने के लिए अनुराधा हर वक्त उनके साथ रहती थीं। अनुराधा ने ना सिर्फ बेटे को अच्छी परवरिश दी बल्कि प्रेरणा भी देती रहीं। अनुराधा अपने बेटे की पढ़ाई का पूरा ख्याल रखती थीं। कब सोना है, कब उठना है। कैसे पढ़ाई करनी है। एक-एक गतिविधि पर उनकी नजर रहती थी। सुशांत पढ़ाई के लिए देर रात तक जागते थे तो उनकी मां भी जागती थी। यही कारण है कि सुशांत ने इस कामयाबी को अपनी मां को समर्पित किया है। वो कहते हैं 'मेरे लिए मेरी मां, एक मेंटर की तरह हैं। आज मैं जो कुछ भी हूं, उन्हीं की बदौलत। उनकी जिद और जुनून के आगे मेरी कामयाबी का कोई मोल नहीं है।'

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सुशांत की इस कामयाबी पर उनकी मां फूले नहीं समा रही हैं। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सुशांत ने मेरा सपना साकार कर दिया। सुशांत बचपन से ही पढ़ाई में तेज थे। उनका बचपन वाराणसी में बीता। शुरूआती पढ़ाई के बाद वो दिल्ली आर्मी स्कूल, देहरादून और सिलीगुड़ी चले गए जहां उन्होंने आगे की शिक्षा हासिल की। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी आर्नस से ग्रेजुएशन किया। पिछले साल उनका सलेक्शन इन्फोर्समेंट ऑफिसर के पद पर हुआ था। लेकिन सुशांत को असली मुकाम मिलना बाकी था। उन्होंने फिर से यूपीएसपी का एग्जाम दिया और इस बार कामयाबी हासिल की। इस बार उन्हें 189 वां रैंक मिला है।



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Dharmendra kumar

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