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UPSSC: सेवानिवृत IPS एसएन साबत बने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष , पूर्व IPS सुभाष बघेल बने सदस्य

UPSSC: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) के नए अध्यक्ष के रूप में रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एसएन साबत की नियुक्ति की गई है।

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Newstrack Network
Published on: 2 Jan 2025 10:49 PM IST (Updated on: 2 Jan 2025 10:54 PM IST)
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Former IPS SN Sabat appointed as new UPSSC chairman (Photo: SN Sabat/X)

UPSSC: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) के नए अध्यक्ष के रूप में रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एसएन साबत की नियुक्ति की गई है। यह पद नियुक्तियों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और भर्तियों की प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एसएन साबत के पास प्रशासनिक अनुभव का एक लंबा और समृद्ध रिकॉर्ड है, जिसे ध्यान में रखते हुए उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।

कौन हैं एसएन साबत?

एसएन साबत 1990 बैच के यूपी कैडर के एक सशक्त और दबंग पुलिस अफसर रहे हैं। पिछले साल, उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में उत्तर प्रदेश के जेल महानिदेशक और महानिरीक्षक का पद भी संभाला था। एसएन साबत ने मटेरियल साइंस और ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट जैसे दो विशिष्ट विषयों से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है। उनके पुलिस करियर की शुरुआत एएसपी के रूप में वाराणसी जिले से हुई थी। इसके बाद वे अलीगढ़ और अयोध्या के एएसपी भी रहे। एसएन साबत को जालौन, मिर्जापुर और वाराणसी में पुलिस अधीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य करने का भी मौका मिला। वे मिर्जापुर, कानपुर और बनारस में पुलिस उप-महानिरीक्षक भी रहे। इसके अलावा, उन्होंने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और रेलवे में पुलिस महानिरीक्षक पद पर भी कार्य किया है। एसएन साबत के अनुभव को देखते हुए, उनकी नियुक्ति यूपीएसएसएससी के अध्यक्ष के तौर पर राज्य की भर्ती प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

UPSSC में आये थे अनियमितताओं के मामले

यूपीएसएसएससी की भर्तियों में हाल ही में कई अनियमितताओं के मामले सामने आए हैं, जिनमें परीक्षा प्रश्न पत्र लीक होने और सिफारिशों के जरिए चयन जैसे गंभीर मुद्दे शामिल हैं। इन घटनाओं ने आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कुछ भर्तियों में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलने के बाद, सरकार ने जांच के आदेश दिए थे, जिसके परिणामस्वरूप कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।



Shivam Srivastava

Shivam Srivastava

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