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आम आदमी की सुनते तो टल सकता था आगरा ब्लास्ट......लेकिन आदत से मजबूर हैं
आगरा : आगरा में हाल ही में हुए दो बम धमाकों और अंडमान एक्सप्रेस को डिरेल करने की नाकाम कोशिश के बाद, ताजनगरी में दबे पाँव दहशत दस्तक देने की कोशिश कर रही है। हालांकि पुलिस ने इस मामले को हलके में लेते हुए साफ़ किया कि ताजनगरी में सब ठीक है। लेकिन सच तो कुछ और ही है, हम ऐसे चश्मदीद के पास पहुँच गये जिसने इन धमाकों और ट्रेन डिरेल की घटना से ठीक पहले दो संदिघ्ध युवकों को आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन पर रेकी करते हुए देखा था।
नेपाल सिंह नाम के इस व्यक्ति की माने तो आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन पर 17 की शाम को दो युवकों को देखा जो बार बार स्टेशन के अलग अलग स्थान पर मोबाइल से वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे थे। जिसके बाद शक होने पर नेपाल ने 100 नम्बर पर भी सूचना दी, लेकिन उन्होंने भी कोई जांच करने की जहमत नही उठाई। बाद में नेपाल ने स्टेशन मास्टर तक से इस मामले की जानकारी साझा की लेकिन उन्होंने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया और दोनों युवक भागने में सफल रहे।
दोनों संदिग्ध 20-22 साल के थे। इन दोनों युवकों को देखने के बाद ही भाण्डई ट्रैक पर ट्रेन को डिरेल करने की नाकाम कोशिश और धमकी भरा खत मिला। बाद में आगरा छावनी स्टेशन पर दो धमाके हुए। ऐसा हो सकता है कि इन दोनों संदिग्धों का इन घटनाओं से संबंध हो। ऐसे में अगर रेलवे सुरक्षाकर्मी और पुलिस सही तरह से इन युवकों की जांच पड़ताल कर लेती तो शायद इस तरह के धमाके नहीं होते। यह तो नेपाल जैसे जिमेमदार लोग है जिनको अपना फर्ज याद रहा और उन्होंने इस मामले में अधिकारियो को सचेत करने का भी प्रयास किया लेकिन क्या कर सकते हैं हमारा गैर जिम्मेदार सिस्टम तो घटना होने पर ही जागता है।