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UP Politics: यूपी विधानसभा में नए सत्र से दिया जाएगा 'Best MLA Award', स्पीकर सतीश महाना ने ये भी बताया
UP Politics: विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने 'अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन' में शामिल होने के बाद लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया।उन्होंने Best MLA Award के बारे में बताया।
UP Politics: यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना (Satish Mahana) ने 'अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन' में शिरकत करने के बाद राजधानी लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। विधानसभा स्पीकर सतीश महाना ने कहा, कि अधिकारी सम्मेलन में ये तय हुआ कि यूपी विधानसभा में 'बेस्ट एमएलए' अवार्ड (Best MLA Award in UP) दिया जाएगा। उन्होंने ये भी बताया कि दिसंबर तक विधानसभा के जितने भी सत्र आयोजित होंगे, उसमें यूपी में भी बेस्ट एमएलए का अवार्ड दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष महाना ने कहा, अवार्ड के लिए आवश्यक प्रक्रिया तैयार की जा रही है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब विधानसभा स्पीकर सतीश महाना से 90 दिन तक विधानसभा में कार्यवाही चलने के संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'विधानसभा का सत्र लंबा चले। इसके लिए बात हुई है।' इस दौरान सतीश महाना ने ये भी दावा किया है कि इस बार का बजट सत्र लंबा चलेगा। G-20 में सभी विधानसभाओं को अपने बारे में जानकारी रखने का अवसर मिलेगा।
..और क्या कहा महाना ने?
सतीश महाना ने कहा, 'उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्यों की संख्या देश के किसी भी विधानसभा की तुलना में सबसे अधिक है। यूपी असेंबली में 403 सदस्य हैं। विधानसभा की देश की प्रगति में बड़ी भूमिका होती है। उन्होंने कहा, अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में इसका आह्वान भी किया गया। कुल मिलाकर विधायी निकायों के लिए आठ संकल्प पास हुए।' स्पीकर ने आगे कहा, विधानसभाओं की पूर्ण वित्तीय स्वायत्तता के लिए लोकसभा अध्यक्ष (Lok Sabha speaker) को अधिकृत किया गया है।
राजस्थान में हुआ था कार्यक्रम
बता दें, सतीश महाना बुधवार को इस सम्मेलन में शामिल हुए थे। इसकी मेजबानी राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र (Rajasthan Governor Kalraj Mishra) ने की थी। इस सम्मेलन के समापन कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी शामिल हुए थे। वहीं, अपने राजस्थान दौरे पर यूपी विधानसभा स्पीकर सतीश महाना ने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मित्तल से भी मुलाकात की थी। गौरतलब है कि बीते छह माह के कार्यकाल और महिला सदस्यों के लिए विशेष रूप से आयोजित विधानसभा सत्र के कारण यूपी सुर्ख़ियों में रहा था।