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UP News: कार्यवाहक डीजीपी डॉ. देवेन्द्र सिंह ने संभाली कमान, स्थाई पुलिस महानिदेशक के लिए चल रहे ये बड़े नाम
UP News: संघ लोक सेवा आयोग द्वारा सितंबर माह में सवालों के साथ लौटाए गए यूपी सरकार के प्रस्ताव के बाद से ही यह संशय चला आ रहा है। कार्यवाहक डीजीपी डॉ. देवेन्द्र सिंह चौहान का 31 मार्च को रिटायरमेंट है।
UP News: यूपी पुलिस का मुखिया कौन होगा इसे लेकर महकमे में चर्चा तेज हो गई है। वरिष्ठता क्रम से देखा जाए तो सबसे ऊपर मुकुल गोयल का नाम है जो इस कुर्सी पर एक पारी खेलकर चले गए। कहा जा रहा है की वो सीएम की गुड बुक में नही हैं इसलिए उनका दोबारा डीजीपी बनना मुश्किल है। दूसरे नंबर पर डीजी कारागार के पद पर तैनात आनंद कुमार हैं। लेकिन शंकाएं इसलिए बनी हुई हैं क्योंकि सरकार की तरफ से अभी तक डीजीपी के नामों का पैनल संघ लोक सेवा आयोग को भेजा ही नहीं गया। जबकि डीजीपी के रिटायरमेंट से तीन महीने पहले पैनल भेजना होता है।
संघ लोक सेवा आयोग द्वारा सितंबर माह में सवालों के साथ लौटाए गए यूपी सरकार के प्रस्ताव के बाद से ही यह संशय चला आ रहा है। कार्यवाहक डीजीपी डॉ. देवेन्द्र सिंह चौहान का 31 मार्च को रिटायरमेंट है। नियमों के मुताबिक डीजीपी के रिटायरमेंट से तीन माह पहले ही नए डीजीपी के लिए संघ लोक सेवा आयोग को पैनल भेज दिया जाना चाहिए। लेकिन अभी तक सरकार ने न ही आयोग को जवाब भेजा है और न ही नए डीजीपी के लिए कोई प्रस्ताव भेजा गया है। पुलिस महकमे में यह चर्चा है कि आखिर कौन होगा अगला डीजीपी।
कार्यवाहक को सेवा विस्तार के संकेत नही
महकमे में चर्चा है कि क्या कार्यवाहक डीजीपी को सेवा विस्तार मिलने की गुंजाइश है। दरअसल गुजरात में यह हो चुका है। इशरत जहां केस में जेल गए आईपीएस पीपी पांडे जब वर्ष 2015 में जमानत पर रिहा होकर आए थे तो अप्रैल 2016 में उनको गुजरात का प्रभारी डीजीपी बनाया गया था। जनवरी 2017 में उनका रिटायरमेंट था लेकिन सरकार ने उन्हें तीन माह का सेवा विस्तार दे दिया था। हालांकि इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका पड़ी तो सरकार को उन्हें हटाना पड़ा था। पीपी पांडेय के मामले में केंद्र व संघ लोक सेवा आयोग की मंजूरी थी। लेकिन डॉ. डीएस चौहान के लिए भेजे गए पैनल के मामले में जिस तरह से संघ लोक सेवा आयोग ने सवाल उठाए थे उसके बाद उन्हें सेवा विस्तार मिलने पर कई सवाल हैं।
वरिष्ठता में सबसे ऊपर होगा मुकुल गोयल का नाम
यूपी सरकार को नए स्थायी डीजीपी के लिए पैनल भेजना पड़ा तो उसमें वरिष्ठता के आधार पर सबसे पहला नाम फिर से मुकुल गोयल का होगा। मुकुल गोयल फरवरी 2024 में रिटायर होंगे यानि उनके पास छह माह से ज्यादा का समय होगा। लेकिन सरकार ने जिस तरह से 11 मई 2022 को उन्हें पद से हटाया था उसके बाद उनके नाम को पैनल में रखे जाने पर बड़ा सवाल है। सरकार किसी भी कीमत पर नए डीजीपी के रूप में उन्हें फिर से मौका देने के विचार में नहीं दिख रही है। सूत्रों के मुताबिक हाल ही में सरकार ने उनसे जुड़े एक मामले में दो सदस्यीय एसआईटी से एक जांच कराई है। जिसकी रिपोर्ट शासन को दे दी गई है।
डीजी जेल आनन्द कुमार हैं कुर्सी के दूसरे दावेदार
डीएस चौहान को सेवा विस्तार नहीं मिलता है और मुकुल गोयल को सरकार ने किनारे किया तो डीजीपी के दावेदारों में सबसे ऊपर नाम वर्ष 1988 बैच के आईपीएस आनन्द कुमार का होगा। वह वर्तमान में डीजी जेल के पद पर तैनात हैं। आनन्द कुमार का 30 अप्रैल 2024 को रिटायरमेंट है। योगी सरकार में उन्होंने लंबे समय तक एडीजी एलओ का कार्यभार बखूबी संभाला है। आनन्द कुमार के बाद दूसरे नंबर पर डीजी सीबीसीआईडी विजय कुमार का नाम होगा। उनका रिटायरमेंट जनवरी 2024 में है। तीसरे नंबर पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में आईबी में तैनात आईपीएस शफी अहसान रिजवी का नाम है। उनका रिटायरमेंट जनवरी 2026 में है।
मई तक डीजी स्तर के छह अधिकारी हो जाएंगे रिटायर
यूपी पुलिस में डीजी स्तर के छह अधिकारी मई तक रिटायर हो जाएंगे। सबसे पहले 31 जनवरी को डीजी जीएल मीणा का रिटायरमेंट है। इसके बाद 28 फरवरी को डीजी आरपी सिंह का रिटायरमेंट है। मार्च में कार्यवाहक डीजीपी डॉ. डीएस चौहान का रिटायरमेंट है। अप्रैल में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात आईपीएस अनिल अग्रवाल का रिटायरमेंट है। मई में डीजी स्तर के दो अधिकारी रिटायर होंगे। इसमें पहला नाम डीजी आरके विश्वकर्मा का है और दूसरा डीजी विशेष जांच चंद्र प्रकाश का।