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क्या गुमनामी बाबा ही थे सुभाष चंद्र बोस, बताएगा UP सरकार का जांच आयोग
लखनऊ: यूपी सरकार ने फैजाबाद के गुमनामी बाबा की असलियत सामने लाने के लिए जांच आयोग का गठन किया है। इस आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति विष्णु सहाय होंगे। आयोग छह महीने में सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।
जांच आयोग के संबंध में मुख्य बातें
-प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा के मुताबिक आयोग का मुख्यालय लखनऊ और कैंप कार्यालय फैजाबाद में होगा।
-आयोग के अध्यक्ष को आयोग के सचिव और विशेषज्ञों की संस्तुति के लिए भी अधिकृत किया गया है।
-सरकार आयोग के अध्यक्ष की संस्तुति पर सचिव और सदस्यों की नियुक्ति करेगी।
-आयोग के कार्यकाल की अवधि में कोई भी परिवर्तन सरकार के आदेश पर ही होगा।
क्यों पड़ी जांच की जरूरत ?
-लंबे समय से यह बात उठ रही थी कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ही फैजाबाद में 'गुमनामी बाबा' के रूप में रहते थे।
-नेताजी के परिवार के लोगों ने भी गुमनामी बाबा के सुभाष चंद्र बोस होने की संभावना जताई थी।
-हालांकि नेताजी के बारे में प्रचलित है कि 1945 में ताइवान में एक विमान हादसे में दुर्घटना में उनकी मौत हुई थी।
-जबकि गुमनामी बाबा का निधन 18 सितंबर 1985 में हुआ था।
बागची ने लड़ी थी लंबी लड़ाई
-ज्ञात हो कि डॉ.अलोकेश बागची सहित कई संगठनों ने इस संबंध में लंबी लड़ाई लड़ी है।
-जांच के लिए उच्च न्यायालय में ललिता बोस और राष्ट्रीय विचार केन्द्र, फैजाबाद ने याचिका दायर की थी।
-इलाहाबाद हाइकोर्ट ने 31 जनवरी, 2013 को ही आदेश पारित किया था कि इस मामले की जांच करवाई जाए।