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चीफ सेक्रेटरी से मिला आश्वासन, 5 मरीजों के दम तोड़ने के बाद हड़ताल स्थगित

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Published on: 20 Sep 2016 8:23 AM GMT
चीफ सेक्रेटरी से मिला आश्वासन, 5 मरीजों के दम तोड़ने के बाद हड़ताल स्थगित
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लखनऊः सरकारी अस्‍पतालों में हड़ताल ने 5 बेकसूर मरीजों की जान ले ली। समय पर इलाज न मिलने से 5 मरीजों ने दम तोड़ दिया। 141 आॅपरेशन टाल दिए गए। मंगलवार को डेंगू-बुखार से कराह रहे मरीजों की सुबह से अस्‍पतालों में लंबी लाइन लगी थी। इसी दौरान पैथोलॉजी, दवा काउंटर में ताला लगने का सिलसिला शुरू हो गया। लाइन में लगे मरीजों को खदेड़ दिया गया।

चीफ सेक्रेटरी राहुल भटनागर के लिखित आश्वासन पर कि मांगों का समयबद्ध निस्तारण किया जाएगा, मंगलवार देर रात यूपी के सरकारी कर्मचारियों, टीचरों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल स्थगित कर दी। कर्मचारी नेताओं के मुताबिक पहली नवंबर से कैशलेस इलाज की सुविधा सबसे बड़ी उपलब्धि है।

बता दें कि कर्मचारियों की हड़ताल से यूपी में सारा कामकाज ठप हो गया था। कर्मचारी संघ के संयुक्त मोर्चा के बैनर तले हुई हड़ताल में फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, एक्स—रे टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स के शामिल होने से अस्पतालों में आए मरीजों की हालत खराब हो गई थी। जांच और दवा के लिए मरीजों की लंबी लाइनें अस्पतालों में देखी जा रही थीं, लेकिन उन्हें समुचित इलाज नहीं मिल सका था। हड़ताल स्थगित होने से आम लोगों को राहत मिलेगी।

हड़ताल का ऐसा रहा असर

राजधानी लखनऊ के सरकारी दफ्तरों और अस्पतालों में हड़ताल का व्यापक असर देखा गया। वहीं, जिलों में इसका असर मिलाजुला रहा। आगरा, अलीगढ़, हाथरस, कासगंज, एटा, मऊ, बलिया, बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, इलाहाबाद, फतेहपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया और महाराजगंज में हड़ताल के पूरी तरह सफल होने का दावा किया गया। जबकि, पीलीभीत, कौशांबी, प्रतापगढ़ और गोंडा में हड़ताल में कम ही कर्मचारी शामिल हुए। मिनिस्टीरियल कर्मचारी भी कई जगह काम करते नजर आए।

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