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बिजली मीटरों के लिए प्रयोगशाला बन गया है उत्तर प्रदेशः प्रियंका गांधी

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश तो बिजली मीटरों के लिए प्रयोगशाला बन गया है। बिजली के मीटर कई गुना तेज चलते पाए गए हैं। जिन घरों में ताले लगे हुए हैं, बिजली की कोई खपत नहीं हुई है, उन घरों में सात-आठ हजार रुपये तक का बिल आ रहा है।

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Published on: 6 Nov 2020 3:16 PM IST
बिजली मीटरों के लिए प्रयोगशाला बन गया है उत्तर प्रदेशः प्रियंका गांधी
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बिजली मीटरों के लिए प्रयोगशाला बन गया है उत्तर प्रदेशः प्रियंका गांधी (Photo by social media)

लखनऊ: बढ़ते बिजली बिलों और मीटरों की अनिमितताओं पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में बिजली के बढ़ते बिलों और बिजली मीटरों का आतंक व्याप्त है। पिछले कुछ वर्षों में बिजली दरों में व्यापक बढ़ोतरी हुई है।

उत्तर प्रदेश की प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि पिछले आठ साल में ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में 500 फीसदी, शहरी घरेलू बिजली की दरों में 84 फीसदी और किसानों को मिलने वाली बिजली की दरों में 126 फीसदी की वृद्धि हुई है। पूरे प्रदेश में बिजली के बढ़ते रेट से हाहाकार मचा हुआ है।

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उत्तर प्रदेश तो बिजली मीटरों के लिए प्रयोगशाला बन गया है

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश तो बिजली मीटरों के लिए प्रयोगशाला बन गया है। बिजली के मीटर कई गुना तेज चलते पाए गए हैं। जिन घरों में ताले लगे हुए हैं, बिजली की कोई खपत नहीं हुई है, उन घरों में सात-आठ हजार रुपये तक का बिल आ रहा है। प्रदेश के कई जिलों में तो यह भी देखा गया कि बिना बिजली के मीटर लगे ही बिल आ गए। उन्होंने मांग की है कि किसानों को मिल रही बिजली का रेट तत्काल प्रभाव से माफ किया जाए। तथा बिजली मीटर घोटाले का सच सामने लाया जाए और दोषियों पर कार्यवाही हो। इसके अलावा उन्होंने बुनकरों-दस्तकारों, छोटे लघु उद्योगों को बिजली भुगतान में रियायत देने की मांग की है।

जनता महंगाई की मार से त्रस्त है

प्रियंका गांधी ने कहा कि जनता महंगाई की मार से त्रस्त है। छोटे कारोबारियों का व्यापार चैपट हो गया है। किसानों की फसलों की खरीद नहीं हो रही है, बाढ़, ओला एवं प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में उनकी कोई मदद नहीं होती, फसल बीमा योजना बड़ी कम्पनियों की कमाई का साधन बनकर रह गई - ऐसी स्थिति में बिजली के लगातार बढ़ रहे दाम, मीटरों की अनियमितताओं की मार उपभोक्ता अब नहीं सह सकते हैं।

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महासचिव ने कहा कि इस महामारी में होना तो यह चाहिए कि बिजली बिलों की दरों में बड़े पैमाने पर कमी करके जनता को राहत दी जाती। किसानों के बिजली के बिल माफ किए जाते। बुनकरों-दस्तकारों, छोटे लघु उद्योगों को बिजली बिल भुगतान में रियायत मिलती।

श्रीधर अग्निहोत्री

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