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Uttar Pradesh :कांग्रेस के इमरान मसूद ने कहा- राम हम सबके आराध्य, ओवैसी ने पलटवार कर कही ये बात

Uttar Pradesh : 22 जनवरी को, अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियाँ जारी हैं, लेकिन इसके साथ ही बयानी जंग भी तेज हो रही है।

Aakanksha Dixit
Written By Aakanksha Dixit
Published on: 12 Jan 2024 12:17 PM GMT
Uttar Pradesh
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इमरान मसूद और असदुद्दीन ओवैसी source; social media 

Uttar Pradesh : 22 जनवरी, एक तरफ़ देश भर में राम मंदिर निर्माण व राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की निकट आती तारीख़ में जहां उल्लास व उत्साह का माहौल तैयार कर रखा है। वहीं राम मंदिर के खिलाफ बयान देने वालों के भी मुँह बंद होने का नाम नहीं ले रहे हैं। राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आयोजित कार्यक्रम पर सियासत में भी काफी उथल पुथल मची हुई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इमरान मसूद ने कहा कि राम हम सबके आराध्य है। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी ने यह पूछा है कि अगर 6 दिसंबर नहीं होता तो क्या होता? कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने इस आयोजन के लिए आए न्योते को ठुकरा दिया है।

इमरान मसूद ने साधा बीजेपी पर निशाना

इमरान मसूद कांग्रेस के संवाद और कार्यशाला कार्यक्रम में शामिल होने मेरठ पहुंचे थे। वहीँ पर इमरान मसूद ने कहा है कि भगवान राम हम सबके आराध्य हैं। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि 'राम तो बुलाने वाले हैं। ये राम को लाने वाले कहां से हो गए?' उन्होंने यह भी दावा किया कि हम राम को मानने वाले है। आगे इन्होने कहा कि जो सम्मान उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय, पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय के मन में है, वही सम्मान मेरे मन में भी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने ये भी कहा कि 'बीजेपी और आरएसएस के लोग इस आयोजन में हमारे लिए नकरात्मक प्रचार भी करेंगे।' इमरान मसूद का यह बयान ऐसे वक़्त आया है जब राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम से कांग्रेस के कुछ नेताओं ने दूरी बना ली है। प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा में आयोजकों की ओर से सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी को समारोह में शामिल होने का न्यौता भेजा गया था। परन्तु तीनों ही नेताओं ने इस आयोजन से दूरी बना ली।

ओवैसी का बीजेपी पर पलटवार

जहां एक तरफ इमरान मसूद भगवान राम को सबका आराध्य बताते हुए बीजेपी पर तंज़ कस रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी लगातार बीजेपी सरकार पर उलटी बयानबाज़ी करते ही रहते हैं। ओवैसी ने सीधे तौर पर तो बाबरी मस्जिद का नाम नहीं लिया लकिन 6 दिसंबर की घटना का जिक्र कर बीजेपी पर फिर से निशाना साधा। ओवैसी ने सवाल पूछते हुए कहा है कि देखिए, 'अगर 6 दिसंबर नहीं होता तो क्या होता?' टीएमसी और कांग्रेस के कई नेता भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आयोजित कार्यक्रम में न जाने का एलान कर चुके है।

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Content Writer

नमस्कार मेरा नाम आकांक्षा दीक्षित है। मैं हिंदी कंटेंट राइटर हूं। लेखन की इस दुनिया में मैने वर्ष २०२० में कदम रखा था। लेखन के साथ मैं कविताएं भी लिखती हूं।

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