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Lucknow News: केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस लौटेंगे आईपीएस अनिल कुमार अग्रवाल, डीजीपी बनने के लग रहे कयास
Lucknow News: 1988 बैच के आईपीएस अनिल कुमार अग्रवाल बीजेपी सरकार बनने के कुछ दिन बाद ही केंद्र चले गए थे। वो एसएसपी लखनऊ रहने के साथ ही एडीजी ट्रैफिक के पद पर काफी समय तक तैनात रहे।
Lucknow News: यूपी में योगी सरकार बनते ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए आईपीएस अनिल कुमार अग्रवाल वापस लौट रहे हैं। बुधवार को केंद्रीय कार्मिक विभाग की तरफ से उन्हे कार्यमुक्त होने का आदेश जारी कर दिया गया। कयास लगाया जा रहा है की वो यूपी के अगले डीजीपी बन सकते हैं।
1988 बैच के आईपीएस अनिल कुमार अग्रवाल बीजेपी सरकार बनने के कुछ दिन बाद ही केंद्र चले गए थे। वो एसएसपी लखनऊ रहने के साथ ही एडीजी ट्रैफिक के पद पर काफी समय तक तैनात रहे। इस दौरान उन्होंने इंट्रीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट (ITMS) और डायल 100 का खाका खींचा था। सपा सरकार में अनिल कुमार अग्रवाल हमेशा महत्वपूर्ण पदों पर रहे। लेकिन सरकार बदलते ही उन्होंने केंद्र का रुख कर दिया। अब उनकी वापसी को लेकर कयास लगाया जा रहा है की वो यूपी के अगले डीजीपी बन सकते हैं।
अनिल अग्रवाल के लिए आसान नहीं है डीजीपी की राह
दरअसल डीजीपी बनने के लिए कम से कम 6 महीने सेवाकाल होना जरूरी है। जबकि अनिल अग्रवाल का 29 अप्रैल को ही रिटायरमेंट है। हालांकि उनसे पहले डीजी स्तर के दो आईपीएस अफसर सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इनमें डीजी ट्रेनिंग के पद पर कार्यरत वर्ष 1987 बैच के आईपीएस डॉ. राजेन्द्र पाल सिंह 25 फरवरी और 1988 बैच के आईपीएस मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी डॉ. डीएस चौहान 20 मार्च को सेवानिवृत्त होंगे। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष एवं वर्ष 1988 बैच के आईपीएस डॉ. आरके विश्वकर्मा आगामी 10 मई को सेवानिवृत्त होंगे। ऐसे में पूरी संभावना है की डीजी जेल का पदभार संभाला रहे आईपीएस आनंद कुमार अगले डीजीपी बन सकते हैं। 1988 आईपीएस आनंद कुमार 30 अप्रैल 2024 को रिटायर्ड होंगे। हालाकि वरिष्ठता क्रम में उनसे पहले आईपीएस मुकुल गोयल का नाम है। लेकिन डीएस चौहान से पहले वो डीजीपी की कुर्सी संभाल चुके हैं। सरकार से तालमेल न बैठने की वजह से पिछले साल 11 मई को उन्हें पद से हटा दिया गया था। ऐसे उनके दोबारा डीजीपी बनने के आसार न के बराबर माने जा रहे हैं।