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खनन के ठेकों मेें मनमानी जारी, योगी राज में शासन के मौखिक आदेश पर जिलों में बंटे पट्टे
अखिलेश सरकार में खनन विभाग अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में रहा। पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पहले से ही सीबीआई जांच के शिकंजे मे हैं।
लखनऊ: अखिलेश सरकार में खनन विभाग अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में रहा। पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पहले से ही सीबीआई जांच के शिकंजे मे हैं। हाल ही में खनन विभाग के पूर्व प्रमुख सचिव गुरदीप सिंह से पूछताछ भी हो चुकी है। इसके बावजूद नौकरशाहों ने इससे कोई सबक नहीं लिया। वर्तमान में शासन के अफसरों के मौखिक आदेश पर एक बार फिर करीबन आधा दर्जन जिलों में खनन के पट्टे बांटे गएं। इनमें हरदोई, अलीगढ़, आगरा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच जिले शामिल हैं।
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योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद उम्मीद जगी थी कि सरकारी विभागों के भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। इसके उलट भ्रष्टाचारी अफसरों की मनमानी थम नहीं रही है। ताजा घटनाक्रम में हरदोई में खनन के पट्टे के लिए टेंडर निकाले गए थे। इसके लिए दो फर्मों ने आवेदन किया था। इसमें से एक फर्म का टेंडर टेक्निकल खामियां बताकर खारिज कर दिया गया और दूसरे फर्म को पट्टा आवंटित कर दिया गया। नियम है कि किसी टेंडर के लिए कम से कम तीन फर्मों का आवेदन करना जरूरी है।
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शासनादेश की आड़ में मनमाने तरीके से बंटे पट्टे
स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, इस बाबत उन्हें शासन के अफसरों से मौखिक आदेश मिले थे। एक फर्म को पट्टा आवंटित कर दिया गया। शासन के अफसरों ने यह भी तर्क दिया कि पट्टों के आवंटन संबंधी शासनादेश में इसका जिक्र नहीं किया गया है कि पट्टों के लिए कितने फर्मों का आवेदन करना जरूरी है। इसी की आड़ में करीबन आधा दर्जन जिलों में शासन के अफसरों के मौखिक आदेश पर पट्टे बांटे गए। इस प्रकरण में अपर मुख्य सचिव खनन राज प्रताप सिंह से बात करने की कोशिश की गई पर उनसे संपर्क नहीं हो पाया।