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प्रदेश में चयन की प्रक्रिया पर कोई उंगली नहीं उठा सकता- सीएम योगी

Uttar Pradesh News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में चयन की प्रक्रिया पर कोई उंगली नहीं उठा सकता है। आज एक भी चयन प्रक्रिया न्यायालय में लम्बित नहीं है।

Shreedhar Agnihotri
Report Shreedhar AgnihotriPublished By Shreya
Published on: 3 Aug 2021 10:33 PM IST
प्रदेश में चयन की प्रक्रिया पर कोई उंगली नहीं उठा सकता- सीएम योगी
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Uttar Pradesh News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में चयन की प्रक्रिया पर कोई उंगली नहीं उठा सकता है। आज एक भी चयन प्रक्रिया न्यायालय में लम्बित नहीं है। पूरी पारदर्शिता, ईमानदारी व निष्पक्षता के साथ सम्पूर्ण कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया। सभी बोर्डों और आयोगों से आग्रह किया गया कि पूरी ईमानदारी के साथ प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं। योग्यता, मेरिट और आरक्षण के नियमों का पूरा पालन करें।

किसी भी प्रकार से, किसी भी बाहरी व्यक्ति को आपकी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का अवसर नहीं मिलना चाहिए। प्रदेश के युवाओं को उनकी प्रतिभा, क्षमता और योग्यता के अनुरूप, उनका स्थान प्राप्त होना ही चाहिए।विगत सवा चार वर्षाें के दौरान साढ़े चार लाख सरकारी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं।

उप जिलाधिकारियों को दिए नियुक्ति पत्र

योगी आदित्यनाथ आज यहां लोक भवन में उ0प्र0 लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सम्मिलित राज्य प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा-2019 में चयनित उप जिलाधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरण के लिए आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने 10 नवचयनित उप जिलाधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पूर्व प्रदेश में सरकारी नौकरियों की प्रक्रिया कलंकित हो चुकी थी। भाई-भतीजावाद, जातिवाद, भ्रष्टाचार के कारण न्यायालय को जांच के आदेश देने पड़े थे। यह प्रदेश के युवाओं के साथ खिलवाड़ था। पिछली सरकारों द्वारा कुत्सित मंशा के तहत युवाओं को कुंठित किया जाता था।योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उ0प्र0 लोक सेवा आयोग द्वारा जिस शुचिता के साथ उप जिलाधिकारियों का चयन किया गया है, उसी शुचिता के साथ नव चयनित उप जिलाधिकारी अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन, निष्पक्षता व पारदर्शिता से करें, जिससे उनकी प्रशासनिक सेवाआंे का लाभ प्रदेश के हर नागरिक को प्राप्त हो सके।

सभी को न्याय देना अधिकारियों का दायित्व

हर एक व्यक्ति को न्याय देना अधिकारियों का दायित्व होना चाहिए। अधिकारियों का यह ध्येय होना चाहिए है कि प्रत्येक पीड़ित को न्याय मिले तथा वह व्यक्ति इसका एहसास भी कर सके। प्रत्येक अधिकारी द्वारा समयबद्ध ढंग से जनता की समस्याओं की सुनवायी कर उसे न्याय दिए जाने से आमजन की बहुत सी समस्याओं का निस्तारण किया जा सकता है। हमें समाज की समस्याओं को सुलझाने का माध्यम बनना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को न्याय मिले, न्याय से कोई वंचित न रह पाए, किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसलिए अधिकारियों को पूरी ईमानदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए। अपने-पराये का भेद किए बगैर, अपने पूरे ज्ञान, दक्षता और व्यवहार से हर एक व्यक्ति को सम्मान और न्याय दें। यह कार्य पद्धति से झलकना भी चाहिए।

उन्होंने कहा कि अपनी तमाम व्यस्तताओं के बावजूद वे प्रतिदिन जनता दर्शन कार्यक्रम के माध्यम से जनता से जरूर मिलते हैं। विगत 15-16 माह से कोरोना काल में पीक के दौरान यह प्रभावित अवश्य हुआ, तब जनता दर्शन कार्यक्रम को स्थगित कर दिया था। उन्होंने कहा कि जब वे लखनऊ में होते हैं, तो सामान्य दिनों में 500-600 लोगों से रोज मिलते हैं। उनकी समस्याओं के निस्तारण की व्यवस्था भी करते हैं। कभी गोरखपुर जाते हैं, तो वहां भी जनता से स्वयं मिलते हैं। लोगों की समस्याओं का समयबद्ध ढंग से समाधान हो, यह सुनिश्चित करते हैं।


अधिकारियों को सीएम ने दिए ये निर्देश

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह देखना होगा कि कैसे ज्यादा से ज्यादा तकनीक अपनाकर अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित कर व्यवस्था को और पारदर्शी बना सकें।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अपनायी जा रही प्रोएक्टिव पॉलिसी के कारण प्रदेश में कानून-व्यवस्था तथा कोविड प्रबन्धन में बेहतर परिणाम देखने को मिले हैं। राज्य सरकार ने अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेन्स की नीति अपनायी है।

उन्होंने कहा कि विगत वर्षाें में राज्य सरकार ने निजी क्षेत्र में रोजगार की सम्भावनाओं को तलाशने, प्रदेश में निवेश में वृद्धि करने के लिए सिंगल विण्डो सिस्टम तथा सिटीजन चार्टर की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। कार्यक्रम के दौरान नवचयनित उप जिलाधिकारियों- युगान्तर त्रिपाठी, डॉ0 पूनम गौतम, अभिषेक कुमार, अखिलेश कुमार यादव, अमन देवल, सुश्री प्रीति सिंह ने अपने अनुभव साझा किए। गोरखपुर निवासी सुश्री प्रीति सिंह ने बताया कि वे ग्रामीण पृष्ठभूमि से हैं तथा विगत 5 वर्षों से प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका रही हैं।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में जिस प्रकार से निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से नौकरियां युवाओं को प्रदान की गई हैं, यह भविष्य में शोध का विषय बनेगा। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सिविल सेवा प्रशासन की जीवन रेखा है। अपनी सेवा के दौरान नव चयनित उप जिलाधिकारी न्यायप्रियता के साथ अपने दायित्व का निर्वहन करें।

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