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केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने कहा- बिजली कटौती में यूपी है नंबर वन
लखनऊः उत्तर प्रदेश में बिजली सप्लाई और मांग दोनों के बीच का अंतर कम होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक यूपी में बिजली आपूर्ति और मांग के बीच का अंतर 12.5 प्रतिशत है जबकि 2011-12 में यह अंतर 11.3 प्रतिशत था। दूसरे राज्यों में यह अंतर लगातार कम हो रहा है।
राज्य बिजली उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि 2011-12 में बिजली की कुल मांग 81,339 मिलियन यूनिट थी जबकि आपूर्ति 72,116 मिलियन यूनिट थी। 2015-16 में मांग 1,06,370 मिलियन यूनिट थी जबकि आपूर्ति 93,052 मिलियन यूनिट थी।
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प्रदेश में बिजली की मांग औऱ सप्लाई के बीच अंतर का सबसे बड़ा कारण पॉवर प्लांटो की कम संख्या का होना है। नए पॉवर प्लांट के लिए 2009-10 में 9 एमओयू साइन किए गए थे, जिनमें से एक को छोड़कर और कोई भी अभी तक बन नहीं पाया है। इतना ही नहीं नए प्लांट से भी बिजली सप्लाई देर से शुरू हुई। ललितपुर पॉवर प्लांट से 2016 में बिजली मिलना शुरू हुआ है जबकि बारा प्लांट से उत्पादन अब शुरू होगा।
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