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यूपी पुलिस को मिले 2197 इंस्पेक्टर, बधाईयाँ मिल रहीं नवनीत सिकेरा को, जाने क्यों

Rishi
Published on: 28 Feb 2018 4:00 PM GMT
यूपी पुलिस को मिले 2197 इंस्पेक्टर, बधाईयाँ मिल रहीं नवनीत सिकेरा को, जाने क्यों
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लखनऊ : यूपी पुलिस में 2197 पुलिस सब इंस्पेक्टरों को प्रमोशन देकर इंस्पेक्टर बना दिया गया हैं। प्रमोशन पाने वाले पुलिस सब इंस्पेक्टर 1999, 2002 और 2007 बैच के हैं। इन सभी पुलिस इंस्पेक्टरों को फिलहाल उन्ही जिलों में पोस्टिंग मिल गई है, जहां पर वह तैनात थे। सभी इंस्पेक्टरों को सीनियारिटी बेस पर प्रमोशन मिला है।

होली से ठीक पहले प्रमोशन पाने वाले सब इंस्पेकटरों की बाँछे खिल गई हैं। दरअसल अखिलश यादव राज में 1999 बैच के ज़्यादातर पुलिस सब इंस्पेकटरों को प्रमोशन मिल गया था। प्रदेश में सब से बड़े इस बैच के करीब 600 पुलिस सब इंस्पेकटर एक साल से भी अधिक समय से प्रमोशन पाने के इंतज़ार में थे।

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प्रमोट हुए इंस्पेक्टरों ने नवनीत सिकेरा का जताया आभार

यूपी पुलिस में प्रमोशन को लेकर लम्बे समय से विवाद चल रहा था। 2012 में सत्ता परिवर्तन के बाद तत्कालीन डीजीपी एसी शर्मा ने प्रमोशन की जो नीति बनाई थी, उस में खामियां ही खामियां थी। जिस के तहत 50 फीसदी प्रमोशन सीनियारिटी बेस पर जब की 50 फीसदी का प्रमोशन साक्षात्कार के बाद होना था। इस नीति से यूपी पुलिस में बड़े भ्रष्टाचार की नींव तैयार की गई थी। इसी बीच डीजीपी एसी शर्मा के हटाए जाने के बाद देवराज नागर को यूपी का डीजीपी बना दिया गया।

तत्कालीन डीआईजी लखनऊ नवनीत सिकेरा से कई पुलिस सब इंस्पेक्टरों ने पेश हो कर अपनी बात रखी। जिस के बाद तत्कालीन डीजीपी देवराज नगर और नवनीत सिकेरा ने प्रमोशन नीति में बदलाव के लिए तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव के सामने पुलिस के जवानो का पक्ष रखा। लंबी जद्दोजहद के बाद सीएम की सहमति मिली और पुलिस सब इंस्पेक्टरों को वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन दिए जाने का निर्णय हो गया था। यूपी में बड़े पैमाने हुए प्रमोशन के बाद कई पुलिस सब इंस्पेक्टरों ने प्रमोशन में नवनीत सिकेरा का बड़ा योगदान बताया है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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