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अब हर क्राइम का लोकेशन होगा ऑनलाइन, GOOGLE MAP के जरिए पहुंचेगी पुलिस

Admin
Published on: 21 March 2016 5:15 PM GMT
अब हर क्राइम का लोकेशन होगा ऑनलाइन, GOOGLE MAP के जरिए पहुंचेगी पुलिस
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लखनऊ: यूपी पुलिस अब Google के माध्यम से अपराधियों को पकड़ेगी। जी हां, यह सुनकर आपको कुछ अटपटा जरूर लगेगा लेकिन यह सच है। सोमवार को पुलिस लाइन के संगोष्ठी सदन में आईजी पीएसी आशुतोष पांडेय ने क्राइम ब्रांच एवं सर्विलांस टीम के क्राइम मैपिंग सेमिनार में ये जानकारी दी।

अपराध का समय और घटनास्थल तक होगा अपलोड

-पिछले तीन सालों का क्राइम डाटा 1 अप्रैल 2016 से गूगल मैप पर डालने का काम शुरू हो जाएगा।

-सभी जोन में ट्रेनिंग कम्प्लीट हो गई है।

-इसके तहत 5 जोन कवर हो गए हैं।

-क्राइम मैपिंग के जरिए होने वाले अपराध का समय और स्थान गूगल पर अपलोड किया जाएगा।

गस्त बढ़ाने से अपराध पर नियंत्रण

-आईजी ने उदाहरण देते हुए बताया आगरा के हरी पर्वत और संजय प्लेस में सबसे ज्यादा वाहन चोरी होते हैं।

-इसलिए उन इलाकों में गस्त बढ़ाई गई।

-इससे पुलिस ने संदिग्धों पर नकेल कसने में सफलता पाई।

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चोरी के मामले गंभीरता से नहीं लिए जाते

-आईजी ने संगोष्ठी में मौजूद पुलिस अधिकारियों की क्लास लगाई।

-कहा, चोरी की वारदात को पुलिस गंभीरता से नहीं लेती है।

-इससे अपराधियों के हौसले बुलंद होते हैं।

-हमें छोटी-छोटी घटनाओं को भी गंभीरता से लेना चाहिए।

थानों के बॉर्डर पर होती हैं वारदात

-आईजी ने आगरा का उदाहरण देते हुए बताया ताजगंज थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा चेन स्नैचिंग की घटनाएं होती हैं।

-अपराधी ऐसी जगह को टारगेट कर वारदात को अंजाम देते हैं जहां दो या तीन थानों का बॉर्डर हो।

-आगरा में चांदी लूट की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं।

कम्युनिटी पुलिसिंग की जरूरत

-आईजी ने कहा, हमें कम्युनिटी बनाकर पुलिसिंग करने की जरूरत है।

-संवेदनशील जगहों पर भी क्राइम मैपिंग से अपराध पर रोक लगेगी।

-थानेदार खाना पूर्ति न करें।

-माना चौक इलाके में पुलगुलाम हुसैन, अकबरी गेट, समेत कई इलाके संवेदनशील हैं तो क्राइम मीटिंग वहीं करें न कि थाने में।

-इससे स्थानीय लोगों में पुलिस की अच्छी छवि बनेगी।

एडीजी क्राइम होंगे नोडल ऑफिसर

-आशुतोष ने कहा जिन थानों में ज्यादा अपराध हो रहे हैं वहां पुलिस की गस्त लगाई जाए और साईट पर अपराध सही तरीके से दर्ज किए जाएं ताकि मैपिंग में कोई गड़बड़ी न हो।

-क्राइम मैपिंग के नोडल ऑफिसर एडीजी क्राइम होंगे।

-साथ ही यदि किसी घटना का समाचार प्रकाशित हुआ है तो उसकी जांच करवाकर तुरंत कार्रवाई करें।

लापरवाह थानेदारों पर दर्ज होगा मुकदमा

-आईजी ने स्पष्ट किया, कि अगर कोई भी थानेदार ने किसी भी केस में ढिलाई की या साक्ष्यों का नष्ट करने का प्रयास किया तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जायेगा।

ई-पेपर पढ़ने की आदत डालें

-थानेदार मामलों को गंभीरता से लें साथ ही ई-पेपर पढ़ने की आदत डालें।

-मीडिया कोई भी खबर गलत प्रकाशित नहीं करता है। आग रहेगी तभी धुंआ आएगा।

सोशल मीडिया की अहम भूमिका

-आईजी ने कहा, आज के दौर में सोशल मीडिया का दायरा तेजी से बढ़ा है।

-आज के दौर में सभी वॉट्सएप्प और फेसबुक चलाते हैं सभी बेहतर ज्ञान हैं।

महिला अपराधों की भी होगी मैपिंग

-महिला अपराध भी यूपी क्राइम मैपिंग पर डाला जाएगा।

-मीटिंग में लखनऊ जोन के सभी जिलों से एएसपी, सीओ क्राइम,10 प्रतिशत से ज्यादा अपराधिक घटनाओं वाले थानों के थानाध्यक्ष और कम्प्यूटर जानने वाले सिपाही आए थे।

अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक डाटा हो जाएगा फीड

-पहले चरण में पिछले 3 साल की प्लॉटिंग की जा रही है।

-अगले माह के आखिरी सप्ताह तक डाटा हो जाएगा।

-क्राइम फीड न होने पर आईजी जोन से शिकायत करें।

-पब्लिक के लिए डोमेन डाटा फीड होने के बाद खोल दिया जाएगा।

'आसमा' कर रहा सोशल मीडिया पर निगरानी

शोशल मीडिया के दुरुपयोग पर 'आसमा' (एडवांस एप्लीकेशन फॉर सोशल मीडिया एप्लीकेशन) से निगरानी की जा रही है। इसके आलावा डिजिटल वालेंटियर की टीम भी बनाई जा रही है जो एसओ के नंबर से जुड़े रहेंगे। भ्रामक खबर की पुष्टि के लिए हर जिले में वालेंटियर तैयार किया जा रहा है।

इस सेमिनार में आईपीएस डॉ. रामकृष्ण स्वर्णकार, एएसपी क्राइम डॉ. संजय कुमार, लखनऊ जोन के सभी डीआईजी-एसएसपी, थाना प्रभारी समेत तमाम पुलिस अधिकारी मौजूद थे।

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