नियामक आयोग का प्रस्ताव बगास दरों में 52 फीसदी की हो कमी

उप्र. विद्युत नियामक आयोग ने शुगर मिलों से निकलने वाली बगास की प्रस्तावित दरों में लगभग 52 प्रतिशत की कमी प्रस्तावित की है। आयोग के इस फैसले से प्रदेश में शुगर मिलों से पैदा होने वाली बिजली की मौजूदा दरों में करीब दो से ढ़ाई रुपये प्रति यूनिट की कमी आने की संभावना है।

Rishi
Published on: 8 May 2019 3:28 PM GMT
नियामक आयोग का प्रस्ताव बगास दरों में 52 फीसदी की हो कमी
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लखनऊ : उप्र. विद्युत नियामक आयोग ने शुगर मिलों से निकलने वाली बगास की प्रस्तावित दरों में लगभग 52 प्रतिशत की कमी प्रस्तावित की है। आयोग के इस फैसले से प्रदेश में शुगर मिलों से पैदा होने वाली बिजली की मौजूदा दरों में करीब दो से ढ़ाई रुपये प्रति यूनिट की कमी आने की संभावना है।

उप्र. विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह और सदस्यों एसके अग्रवाल तथा केके शर्मा की उपस्थित में आगामी पांच सालों के लिये बगास, बायोमास, इस्माल हाइड्रो, सोलर, विन्ड इत्यादि के लिये बनने वाले सीआरई रेग्यूलेशन, 2019-2024 की प्रस्तावित कार्य योजना पर सार्वजनिक सुनवाई हुई।

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सुनवाई में शुगर मिल एसोसियेशन वकीलों ने आयोग द्वारा प्रस्तावित दरों को बहुत कम बताते हुये उसमें बढोत्तरी की मांग उठायी। जबकि वहीं प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की तरफ से सुनवाई में शामिल उपभोक्ता परिषद ने आयोग द्वारा प्रस्तावित दरों को ऐतिहासिक बताते हुये आयोग के इस कदम की प्रशसा की और कहा कि यह पहली बार ऐसा हुआ है कि शुगर मिल के हाई प्रोफाइल दबाव से अलग हटकर नियामक आयोग द्वारा बगास की प्रस्तावित दरों में लगभग 52 प्रतिशत की कमी प्रस्तावित की हैं।

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उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि वर्तमान में अलग-अलग वषांे के लिये शुगर मिलों द्वारा पैदा की जाने वाली बिजली की दरें 6.19 रुपये प्रति यूनिट से लेकर 6.75 रुपये प्रति यूनिट तक लागू हैं। आयोग के इस निर्णय से रेग्यूलेशन बनने के बाद प्रस्तावित दरें लागू होने सेे वर्तमान लागू दरों में 2.25 रुपये प्रति यूनिट की कमी आ जायेगी। जिसका लाभ प्रदेश की जनता को मिलेगा। सार्वजनिक सुनवाई में पावर कारपोरेशन, नेडा के प्रतिनिधियों सहित पूरे प्रदेश के शुगर मिल मालिकों के सैकडों प्रतिनिधि शामिल हुये।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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