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UPPWD करेगा IRC की 5वीं बार मेज़बानी: मंत्री जितिन प्रसाद बोले- नितिन गडकरी होंगे मुख्य अतिथि, जुटेंगे 2500 से ज़्यादा अभियंता
UPPWD करेगा IRC की 5वीं बार मेज़बानी: इस वर्ष 'भारतीय सड़क कांग्रेस' यानी IRC का 81वां अधिवेशन, उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (UPPWD) द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
Lucknow: इस वर्ष 'भारतीय सड़क कांग्रेस' (Indian Road Congress) यानी IRC का 81वां अधिवेशन, (81st session of IRC) उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (UPPWD) द्वारा आयोजित किया जा रहा है। जिसका आयोजन गोमती नगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 8 से 10 अक्टूबर तक किया जाएगा। इस कार्यक्रम में सड़क निर्माण से जुड़ीं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के 2500 प्रतिनिधि भाग लेने वाले हैं। ये बातें पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद (PWD Minister Jitin Prasad) ने शनिवार को लोक भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में कही।
नितिन गडकरी होंगे मुख्य अतिथि
जितिन प्रसाद ने बताया कि इस साल के अधिवेशन में देशभर से लगभग 2500 व प्रदेश से 1000 मार्ग विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और व कई प्रदेशों के शीर्षस्थ अभियंता शामिल होंगे। आईआरसी-2022 का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) शामिल होंगे। साथ ही, केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग राज्यमंत्री वीके सिंह समेत प्रदेश के उप मुख्यमंत्री, विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव एवं प्रशासक भी उपस्थित रहेंगे।
पांचवीं बार मेज़बानी करेगा लखनऊ
जितिन प्रसाद ने बताया कि आईआरसी का प्रथम अधिवेशन दिसंबर, 1934 में दिल्ली में हुआ था। लखनऊ को अब तक क्रमशः तृतीय अधिवेशन दिसम्बर 1937, 45वां अधिवेशन फरवरी 1985 (स्वर्ण जयन्ती), 56वां अधिवेशन नवम्बर 1995 एवं 72वां अधिवेशन नवम्बर 2011 की मेजबानी का सुअवसर मिल चुका है। यह आयोजन लखनऊ हेतु पांचवां अवसर होगा जो कि उत्तर प्रदेश हेतु गौरव की बात है।
क्या है आईआरसी (IRC)?
आईआरसी देश में राजमार्ग और सेतुओं के निर्माण से संबंधित वैज्ञानिकों व अभियंताओं की एक शीर्ष संस्था है, जो राजमार्गों, सेतुओं के निर्माण से जुड़े मानकों, विशिष्टियों का निर्धारण या पुनर्निर्धारण करती है। इस प्रक्रिया के लिए हर साल देश के चयनित स्थानों पर अधिवेशन वार्षिक सत्र का आयोजन किया जाता है, जिसमें शामिल होने वाले विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, अभियंताओं के बीच राजमार्गों-सेतुओं के निर्माण से जुड़ी नई तकनीकों पर चर्चा और विचार विमर्श होता है।