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उत्तर प्रदेश में बाढ़ से मिली राहत, खतरे के निशान से नीचे नदियां
राज्य सरकार बाढ से निबटने के लिए हर तरह के इंतजाम कर चुकी है। खाने पीने से लेकर पुलिस बचाव दल भी मुस्तैद है। कई जिलों में नदियां अभी खतरे के निषान से नीचे बह रही हैं। लेकिन कुछ प्रभावित जिलों में राहत दल अपने काम मेें लगा हुआ है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बाढ के हालात फिलहाल बिगडे नहीं हैं। लेकिर राज्य सरकार बाढ से निबटने के लिए हर तरह के इंतजाम कर चुकी है। खाने पीने से लेकर पुलिस बचाव दल भी मुस्तैद है। कई जिलों में नदियां अभी खतरे के निषान से नीचे बह रही हैं। लेकिन कुछ प्रभावित जिलों में राहत दल अपने काम मेें लगा हुआ है। और जरूरी सामान के इंतजाम भी किए गए हैं। ऐसे स्थानों पर नावों भी लगाई गयी है। साथ ही पषुओं के चारे आदि का इंतजाम किया गया है।
बाढ़ की आपदा से निपटने
बाढ़ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 384 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकी स्थापित की गयी है। इस समय प्रदेश के 10 जिलों में अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बाराबंकी, फर्रूखाबाद, लखीमपुरखीरी, कुशीनगर, मऊ, संतकबीर नगर, तथा सीतापुर के 146 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। 73 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। इस समय प्रदेश की सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही है। प्रदेश में 560 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 7,63,821 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं।
सोशल मीडिया से
औसत से कम बारिश हुई
मिली जानकारी के अनुसार सात जिलों में तो औसत से कम बारिश हुई है। ये जिले हैं - कुशीनगर (-13 मिमी), सीतापुर (-25 मिमी), लखीमपुर खीरी (-1 मिमी), मऊ (-26 मिमी), पीलीभीत (-4 मिमी), अयोध्या (-6 मिमी) और आजमगढ़ (-7 मिमी). बावजूद इसके ये सातों जिले बाढ़ और जलभराव की मार झेल रहे हैं। हालात यह हैं कि कहीं पर कम तो कहीं पर ज्यादा बारिष हुई हैं। कुछ जिले तो ऐसे हैं जहां सिर्फ आंकड़ों में ज्यादा बारिश दिख रही है लेकिन, मात्रा इतनी नहीं है कि ज्यादा फर्क पड़े।
सभी तटबंध सुरक्षित
उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश के वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 1,88,501 खाद्यान्न किट व 3,55,321 मीटर तिरपाल का वितरण किया जा चुका है, 415 मेडिकल टीम लगायी गयी है। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 4,807 कंुतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।