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UP Election 2022: स्वामी प्रसाद के 'बाय-बाय' पर केशव की गुजारिश, एक के बाद एक कई विधायकों ने छोड़ा BJP का साथ
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 से पहले बीजेपी के लिए आज का मंगलवार 'अमंगलकारी' साबित हुआ।
UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 ( UP Assembly Election 2022) से पहले बीजेपी के लिए आज का मंगलवार 'अमंगलकारी' साबित हुआ। चुनाव से ठीक पहले जब दिल्ली में प्रदेश के सीएम से लेकर सभी दिग्गज बीजेपी नेता उम्मीदवारों की लिस्ट पर माथापच्ची कर रहे हैं, उसी दौरान आज पार्टी को एक के बाद एक कई झटके लगे। सबसे बड़ा झटका प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा देकर दिया। स्वामी प्रसाद बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए।
इसके बाद तो आज एक के बाद एक अन्य नेताओं ने भी पार्टी छोड़ी। बीजेपी छोड़ने वालों में कानपुर के बिल्हौर से बीजेपी विधायक भगवती सागर, बांदा के तिंदवारी से एमएलए बृजेश प्रजापति, शाहजहांपुर के तिलहर से विधायक रोशन लाल हैं। इन सभी के भी समाजवादी पार्टी में शामिल होने की अटकलें तेज हैं। इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य अपना इस्तीफा लेकर राजभवन पहुंचे थे।
केशव का ट्वीट, पुनर्विचार को कहा
पार्टी से एक के बाद एक विधायकों के पार्टी छोड़ने पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर लिखा, 'आदरणीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है। मैं नहीं जानता हूं। उनसे अपील है कि बैठकर बात करें जल्दबाजी में लिए हुए फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं।'
अपने इस ट्वीट में केशव प्रसाद, स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में जाने के फैसले पर पुनर्विचार की बात कही है। लेकिन ऐसा नहीं है, कि स्वामी प्रसाद पलटकर बीजेपी की तरफ देखने वाले हैं। बताया जाता रहा कि काफी समय से स्वामी मौर्य, अखिलेश यादव के सीधे संपर्क में थे। अब ऐसे में केशव की अपील ख़ारिज होती ही दिख रही है।
ये व्यक्तिगत फैसला
स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी पर उपेक्षात्मक आरोप लगाया। मीडिया से अपनी बेटी और बदायूं से बीजेपी सांसद संघमित्रा के इस्तीफा के सवाल पर कहा, कि यह उनका व्यक्तिगत फैसला है। साथ ही उन्होंने कहा, कि इस्तीफा देने के बाद उनके साथ कौन और संपर्क में होगा। इसके बारे में वह फिलहाल कुछ भी नहीं कहेंगे।
पिछड़ी जातियों पर अखिलेश की नजर
राजनीतिक गलियारों में बीते कई दिनों से चर्चा चल रही थी, कि स्वामी प्रसाद मौर्य, बीजेपी का दामन छोड़कर अखिलेश यादव के साथ जा सकते हैं। कहा जा रहा है, कि स्वामी प्रसाद मौर्य के ज्वाइनिंग मामले को सीधे अखिलेश यादव देख रहे थे। बातें उनके स्तर पर ही हो रही थी।
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे को बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पिछले चुनाव में बीजेपी को सत्ता में पहुंचाने का श्रेय पिछड़ी जातियों को जाता रहा है। इस बार अखिलेश यादव हर हाल में पिछड़ी जातियों को अपनी तरफ मोड़ने में जुटे हैं। यही वजह है कि छोटे छोटे दलों से गठबंधन के अलावा उन्होंने उस समाज के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करने का अभियान छेड़ रखा है।