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एसएसपी के कथित वीडियो वायरल का मामला: अभी भी पहेली बने हुए हैं ये सवाल
यूपी की राजनीति मंे इन दिनों आईपीएस अफसर वैभव कृष्ण के कथित वीडियो के वायरल होने का मामला चर्चा में बना हुआ है। इसे लेकर जहां आईपीएस अधिकारियों के बीच लाबिंग चल रही है वहीं राजनीतिक दल भी एक दूसरे पर निशाना साधने में लगे हुए हैं।
लखनऊ: यूपी की राजनीति में इन दिनों आईपीएस अफसर वैभव कृष्ण के कथित वीडियो के वायरल होने का मामला चर्चा में बना हुआ है। इसे लेकर जहां आईपीएस अधिकारियों के बीच लाबिंग चल रही है वहीं राजनीतिक दल भी एक दूसरे पर निशाना साधने में लगे हुए हैं।
आज डीजीपी ओपी सिंह ने यह कहकर और चौंका दिया कि इस मामले में एक पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी के भी तार जुडे हुए है। अब जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सब कुछ साफ हो पाएगा कि आखिर इस सबके पीछे ट्रासफर पोस्टिंग का खेल है अथवा कुछ और है।
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। जांच के लिए एडीजी मेरठ को 15 दिन का समय और दिया गया है। एसएसपी नोएडा वैभव कृष्ण से पूछा जाएगा कि उन्होंने गोपनीय दस्तावेज क्यों वायरल किए।
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तथाकथित पत्रकारोें पर कार्रवाई के मामले में पुलिस की मिलीभगत उजागर
ओपी सिंह ने बताया कि गत 23 अगस्त को गौतमबुद्धनगर में 5 तथाकथित पत्रकारोें के विरूद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया। विवेचना में अभियुक्तों और पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ मिली-भगत की भी बात सामने आई है।
उन्होंने बताया कि इसी बीच वीडियो क्लिप वायरल होने को लेकर एसएसपी गौतमबुद्धनगर ने थाना सेक्टर 20 पर मु0अ0सं0 0003/2020 अन्तर्गत धारा 499,500,34 भा0द0वि0, 66(ई),67 आईटी एक्ट मुकदमा पंजीकृत कराया है। जिसकी विवेचना हापुड़ के पुलिस अधीक्षक, संजीव सुमन कर रहे हैं। इसकी देखरेख आईजी रेंज मेरठ कर रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ एसएसपी वैभव कृष्ण सेकुछ गोपनीय पत्रों को उजागर करने को लेकर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। डीजीपी ने बताया गत नवम्बर महीने में एक मुकदमा थाना हजरतगंज में सूचना विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने धारा-420, 467, 468, 471 भा0द0वि0 दायर किया था। इसमें दो अभियुक्तों अतुल कुमार शुक्ला एवं अनुभव भल्ला को गिरफ्तार किया गया। जबकि दो अन्य अभियुक्तों के पास स्टे होने के कारण उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
यहां यह भी बताना जरूरी है कि एसएसपी वैभव कृष्ण के कथित वीडियो वायरल होने के बाद साइबर इमरजेंसी रिस्पांस टीम की जिस रिपोर्ट को आधार बनाकर एसएसपी वैभव कृष्ण ने पांच आईपीएस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
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ट्रांसफर-पोस्टिंग पर सवाल
इस रिपोर्ट में ट्रांसफर पोस्टिंग की बात सामने आई है जिसमें यह पांच अफसर कथित तौर पर शामिल बताए गए हैं। रिपोर्ट में ट्रांसफर-पोस्टिंग के इस खेल का एक मास्टरमाइंड चंदन राय जो प्रतापगढ का रहने वाला है और दूसरा अतुल शुक्ला जो कानपुर का है और जिसे आरएएस का कार्यकर्ता बताया गया है, उसका नाम सामने आने के बाद यह मामला और उलझता ही जा रहा है। जबकि आज डीजीपी ने एक पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी के शामिल होने की बात कही है।
अहम बात यह है कि पिछले साल गिरफ्तार चार कथित पत्रकारों के मोबाइल की जांच के आधार पर सीईआरटी की रिपोर्ट तैयार की गई थी। जिसे एसएसपी वैभव कृष्ण ने पुलिस महानिदेशक और अपर मुख्य सचिव गृह को भेजा था।अब इस विवादित पूरे मामले की जांच चल रही है लेकिन जब तक इस जांच में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने नहीं आते तब तक एक दूसरे की तरफ यूं ही आरोप प्रत्यारोपों का दौर चलता रहेगा।
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