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Uttarakhand: धामी सरकार के इस मंत्री पर गंभीर आरोप, पद पर रहते वोटर्स को बांटे 5 करोड़

Uttarakhand: हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार, चुनाव आयोग, विधानसभा के सचिव, जिलाधिकारी (DM), एसडीएम (SDM) सहित कोषाधिकारी को भी नोटिस थमाया है। इन्हें 6 हफ्तों के भीतर इसका जवाब दाखिल करना है।

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Newstrack NetworkPublished By aman
Published on: 6 April 2022 1:21 PM IST
uttarakhand hc issues notice to dhami govt minister Prem Chand Aggarwal distributed 5 crores among voters
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प्रेम चंद्र अग्रवाल (Prem Chand Aggarwal) (फाइल फोटो)

Uttarakhand News : उत्तराखंड विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान पुष्कर सिंह धामी ((Pushkar Singh Dhami) सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ((Prem Chand Aggarwal) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। दरअसल, उत्तराखंड हाई कोर्ट (Uttarakhand High Court) ने सीएम धामी के मंत्री को करोड़ों की रकम बांटने मामले में नोटिस जारी किया है।

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ये नोटिस आचार संहिता (Code of conduct) के दौरान विवेकाधीन कोष से 5 करोड़ रुपए बांटे जाने के मामले में दिया। साथ ही, हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार, चुनाव आयोग, विधानसभा के सचिव, जिलाधिकारी (DM), एसडीएम (SDM) सहित कोषाधिकारी को भी नोटिस थमाया है। इन्हें 6 हफ्तों के भीतर इसका जवाब दाखिल करना है। कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई 25 मई 2022 को होगी।

क्या है मामला?

ऋषिकेश (Rishikesh) के कनक धनई (Kanak Dhanai) ने उत्तराखंड हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल (Petition Filed) की। जिसमें उन्होंने कहा, कि तत्कालीन स्पीकर प्रेमचंद्र अग्रवाल ने चुनाव प्रक्रिया (Election Process) के दौरान विवेकाधीन राहत कोष से 5 करोड़ की राशि निकालकर बांटी, जो गलत था। उन्होंने याचिका में कहा, कि ये धनराशि डिमांड ड्राफ्ट (Demand Draft) के माध्यम से बांटी गई। इन डिमांड ड्राफ्ट पर 3 और 9 फरवरी की तारीख दर्ज है। याचिकाकर्ता ने साक्ष्य के लिए कुछ डिमांड ड्राफ्ट भी याचिका में लगाए हैं। याचिका में इस पूरे मामले की जांच की मांग की गई है। साथ ही मांग की गई है कि जांच में दोषी पाए जाने पर प्रेमचंद अग्रवाल का चुनाव निरस्त किया जाए।

मामले में और क्या?

बता दें, कि बीते दिनों कोर्ट में सुनवाई के लिए यह मामला आया था। मगर, तब दस्तावेजों के अभाव में सुनवाई नहीं हो सकी थी। हाई कोर्ट में इस मामले की पैरवी कर रही स्निग्धा तिवाड़ी ने कहा था, कि चुनाव के दौरान का यह मामला है। 5 करोड़ से अधिक धनराशि विवेकाधीन कोष से बांटी गई है। अब कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी कर सभी पक्षों के जवाब मांगे हैं।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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