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Noida की दवा कंपनी का कफ सिरप था मिलावटी, लाइसेंस होगा सस्पेंड...दवा से उज्बेकिस्तान में हुई थी 18 बच्चों की मौत

Uzbekistan Cough Syrup Death: उज्बेकिस्तान सरकार ने दिसंबर 2022 में आरोप लगाया था कि नोएडा की कंपनी के कफ सिरप डॉक-1 मैक्स पीने से 18 बच्चों की मौत हो गई।

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Written By aman
Published on: 4 March 2023 5:16 PM GMT (Updated on: 4 March 2023 5:19 PM GMT)
Uzbekistan Cough Syrup Death
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मैरियन बायोटेक लिमिटेड (Social Media)

Uzbekistan Cough Syrup Death: उज्बेकिस्तान में कफ सिरप से बच्चों की मौत मामले में मैरियन बायोटेक लिमिटेड (Marion Biotech Limited) पर शिकंजा कसता जा रहा है। केंद्र सरकार ने राज्य ड्रग कंट्रोलर अथॉरिटी से मैरियन बायोटेक लिमिटेड का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की है। जानकारी के अनुसार, जल्द ही कंपनी का लाइसेंस सस्पेंड किया जाएगा।

इस बारे में गौतमबुद्धनगर के ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया, 'मैरियन बायोटेक से परीक्षण के लिए 36 सैंपल लिए गए थे। जिनमें 22 सैंपल में एथिलीन ग्लाइकोल (Ethylene Glycol) की मिलावट पाई गई थी। मिलावट के सबूत मिलने के बाद एक्शन लेने की तैयारी है। आपको बता दें, बीते 9 जनवरी को मैरियन बायोटेक लिमिटेड में दवाओं का उत्पादन बंद करा दिया गया था। बीते साल दिसंबर 2022 में उज्बेकिस्तान सरकार (Uzbekistan Cough Syrup News) ने आरोप लगाया था कि नोएडा की कंपनी के कफ सिरप डॉक-1 मैक्स (Doc 1-Max) को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं।

क्या था उज्बेकिस्तान का आरोप?

उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health of Uzbekistan) ने एक बयान में कहा था कि भारतीय दवा कंपनी के कफ सिरप पीने से उसके यहां 18 बच्चों की मौत हो गई। सभी बच्चों ने डॉक-1 मैक्स कफ सिरप का सेवन किया था। इसका निर्माण नोएडा के मैरियन बायोटेक ने किया था। उज्बेकिस्तान स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि जांच में पता चला है, मृत बच्चों ने अस्पताल में भर्ती होने से पहले इस दवा को 2-7 दिनों के लिए दिन में 3-4 बार पीया था। इस वजह से उनकी मौत हुई। उज्बेकिस्तान सरकार ने केंद्र सरकार से आरोपी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी।

कफ सिरप बनाने वाली कंपनी Marion Biotech से 27 दिसंबर 2022 को सेंट्रल और लोकल जांच एजेंसी ने 5 सैंपल लेकर गई है। इनमें सिरप, टैबलेट और सिरप में मिलाया जाने वाला रॉ मैटेरियल शामिल है। कंपनी यहां 2010 से रजिस्टर्ड है। राहत की बात यह है कि कंपनी भारतीय बाजार में नहीं है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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