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यूपी के 52 जिलों और आठ शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण से छूटे बच्चों की संख्या ज्यादा

Rishi
Published on: 22 Sept 2017 7:28 PM IST
यूपी के 52 जिलों और आठ शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण से छूटे बच्चों की संख्या ज्यादा
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लखनऊ। केंद्र सरकार ने देश के ऐसे 118 जिलों और 17 शहरी क्षेत्रों को चिन्हित किया है। जहां टीकाकरण से छूटे हुये बच्चों की संख्या अधिक है। इनमें यूपी के 52 जिले और आठ शहरी क्षेत्र शामिल हैं। इसको देखते हुए प्रदेश में मिशन इंद्रधनुष शुरू करने का फैसला किया गया है। इसके तहत छूटे बच्चों का टीकाकरण होगा।

52 जिलों में हर माह की सात तारीख को टीकाकरण

मुख्य सचिव राजीव कुमार ने 52 जिलों और आठ शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण से छूटे बच्चों का शत-प्रतिशत टीकाकरण कराने के लिए इंद्रधनुष अभियान चलाने का निर्देश दिया है। यह अभियान अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर 2017 और जनवरी, 2018 में हर माह की सात तारीख से चार चरणों में चलाया जाएगा। इसी सिलसिले में चीफ सेक्रेटरी राजीव कुमार ने प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रशान्त त्रिवेदी, सचिव, महिला एवं बाल विकास अनीता मेश्राम, मिशन निदेशक,पंकज कुमार के साथ शुक्रवार को बैठक की।

इन जिलों में बच्चों के टीकाकरण की संख्या में कमी

जिलो में बहराइच, उन्नाव, सीतापुर, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, कौशाम्बी, बांदा, बदायूं, हरदोई, फर्रूखाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, बाराबंकी, मऊ, जौनपुर, कन्नौज, आजमगढ़, संतकबीरनगर, मुजफ्फरनगर, देवरिया, बलरामपुर, रायबरेली, लखीमपुर खीरी, रामपुर, अलीगढ़, मिर्जापुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, मथुरा, कासगंज, गाजीपुर, सोनभद्र, कुशीनगर, फिरोजाबाद, सुल्तानपुर, एटा, बलिया, मैनपुरी, प्रतापगढ़, अम्बेडकरनगर, महराजगंज, भदोही, बुलन्दशहर, ललितपुर, बिजनौर, औरैया, फतेहपुर, चित्रकूट, बस्ती, संभल, सहारनपुर और हापुड़ शामिल हैं। आठ शहरी क्षेत्रों में इलाहाबाद, मेरठ, गाजियाबाद, बरेली, लखनऊ, कानपुर नगर, आगरा और वाराणसी हैं।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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