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कोरोना का कहर, काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर रोक

कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के बीच प्रशासन ने काशी विश्वनाथ मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।

Ashutosh Singh
Report By Ashutosh SinghPublished By Shreya
Published on: 10 April 2021 4:36 PM IST (Updated on: 10 April 2021 4:36 PM IST)
कोरोना का कहर, काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर रोक
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वाराणसी: कोरोना वायरस की बढ़ती रफ्तार अब डराने लगी है। कोविड-19 संक्रमण हर रोज अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ रहा है। वायरस की चेन को तोड़ने के लिए जिला प्रशासन लगातार कठोर कदम उठा रही है। नाइट कर्फ्यू के बाद अब मंदिरों और गंगा आरती में लोगों की संख्या को सीमित करने के लिए के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत काशी विश्वनाथ मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।

भक्त अब बाबा का सिर्फ झांकी दर्शन ही कर पाएंगे। श्रद्धालुओं के लिए झांकी दर्शन का इंतेज़ाम किया गया है। इस सम्बन्ध में मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि बनारस में कोरोना का संक्रमण बहुत तेज़ी से फ़ैल रहा है। इसे देखते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। श्रद्धालुओं के लिए झांकी दर्शन की व्यवस्था की गयी है।

(फोटो- सोशल मीडिया)

अब ऐसे होंगे बाबा के दर्शन

भक्त बाहर से लगी पाइप के जरिये बाबा को जल व दूध अर्पित करेंगे। इसके साथ ही मंगला आरती के टिकटों की बिक्री पर भी मंदिर प्रशासन ने रोक लगा दी है, अगले आदेश तक भक्त मंगला आरती में शामिल नहीं हो सकेंगे। बाबा के दर्शन के अलावा गंगा आरती पर भी बंदिश लगा दी गई है। गंगा आरती में अब सौ से अधिक श्रद्धालु प्रतिभाग नहीं ले सकते हैं। साथ गंगा में शामिल होने वाले लोगों के लिए मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करना अनिवार्य कर दिया गया है।

(फोटो- सोशल मीडिया)

बीएचयू में भी रात में बंद होंगे मुख्य द्वार

कोरोना महामारी के मद्देनजर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन ने सिंह द्वार के अलावा विश्वविद्यालय के सभी द्वारों को शनिवार से रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक बंद रखने का निर्णय लिया है। इस सम्बन्ध में बीएचयू प्रशासन ने गाइडलाइन जारी की है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने परिसर वासियों और आमनजनमानस से आग्रह किया है कि परेशानी से बचने के लिए द्वार बंदी के समय को ध्यान में रखें।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्यरत प्रोफ़ेसर, कर्मचारियों और परिसर के निवासियों को सलाह दी है कि अगर उनमें कोविड संबंधी लक्षण दिखाई दें तो फ़ौरन अपनी जांच कराएं और रिपोर्ट आने तक खुद को आइसोलेट रखें। विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार विश्वविद्यालय परिसर में खेल संबंधी गतिविधियां सुबह 6 बजे से शाम 7बजे तक ही संचालित की जाएंगी।



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Shreya

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