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वाराणसी: कोविड अस्पतालों में अब 'बेड घोटाला', प्रशासन ने कसी नकेल

शहर-गांव के कुछ अस्पतालों को प्रशासन द्वारा कोविड-19 संक्रमितों को भर्ती करने के लिए बेड संख्या तय की गयी है.

Ashutosh Singh
Reporter Ashutosh SinghPublished By Chitra Singh
Published on: 23 April 2021 12:58 PM GMT
वाराणसी: कोविड अस्पतालों में अब बेड घोटाला, प्रशासन ने कसी नकेल
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प्रशासन की बैठक 

वाराणसी: यूपी में कोरोना की बेकाबू होती रफ्तार के बीच एक तरफ जहां मरीजों को अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ दवा से लेकर बेडों तक की कालाबाजारी धड़ल्ले से चल रही है. ऐसा ही मामला वाराणसी से सामने आया है. कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार के बीच निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड के खेल पर प्रशासन की भृकुटी तन गई है. इसे देखते हुए प्रशासन ने कुछ निजी अस्पतालों की जांच कराने का निर्णय लिया है.

कालाबाजारी की शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने दो अस्पतालों को नोटिस भी जारी किया है. जाँच में दोषी पाए जाने पर अस्पतालों की मान्यता पर भी संकट आ सकता है. दरअसल अभी तक दवा और ऑक्सीजन की ही कालाबाजारी सामने आ रही थी लेकिन अब तो बेड की संख्या में भी धांधली शुरु हो गई है. बहुत से अस्पतालों में दवाओं और रेमडेसिविर के इंजेक्शन की कालाबाजारी की खबरें ही सामने आ रही थीं अब बेड घोटाले की खबर सामने आने से हड़कंप मचा हुआ है.

दरअसल शहर-गांव के कुछ अस्पतालों को प्रशासन ने कोविड-19 संक्रमितों को भर्ती करने की अनुमति दी है. इसके लिए बेड संख्या तय की गयी है. इसके अनुसार ही प्रशासन ऑक्सीजन व रेमडेसिविर इंजेक्शन आदि भी उपलब्ध करा रहा है. ऑक्सीजन का कोटा भी इसके अनुसार ही तय है.

बैठक

ऐसे होता हैं घोटाला

प्रशासन को मिली सूचना के अनुसार कुछ अस्पताल संचालक तय कोटे से अधिक बेड पर मरीज भर्ती कर रहे हैं. इससे ऑक्सीजन की खपत तय कोटे से अधिक बढ़ जा रही है. ऑक्सीजन खत्म होने पर सबसे पहले गरीब व असहाय मरीजों को ही अस्पताल से रेफर किया जा रहा है. इस तरह की दो दिनों से मिल रही शिकायत को देखते हुए जिलाधिकारी ने पहले ही कह दिया था कि ऑक्सीजन कोटा और सप्लाई की स्थिति देखते हुए ही नए मरीज भर्ती किए जाएं.सभी अस्पतालों की स्थिति पर नजर रखने के लिए नोडल अफसर पहले ही तैनात किये जा चुके हैं उनके नंबर भी आम किए गये हैं ताकि लोग अपनी शिकायत उनके जरिए प्रशासन तक पहुंचा सकें. कोविड कंट्रोल कमांड सेंटर व काशी कोविड रिस्पांस सेंटर में भी इस तरह की शिकायतें दस से अधिक नंबरों पर सुनी जा रही हैं.

Chitra Singh

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