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कैसा आ गया ये जमाना: मृत शय्या के लिए अपनाना पड़ा ये रास्ता, इससे ज्यादा बुरे दिन क्या

यूपी के वाराणसी में मृत शय्या को ले जाने के लिए शव- वाहन का इंतेजाम कर पाना इतना मुश्किल हो गया कि परिजन को शव ऑटो रिक्शा पर ले जाना पड़ा।

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Newstrack Network NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 21 April 2021 1:16 PM GMT
कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है।
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वाराणसी का ये किस्सा(साभार- ट्विटर)

नई दिल्ली। पूरे देश में महामारी ने इस कदर अपना रौद्र रूप धारण करा हुआ है जिससे स्थितियां बहुत ही विकराल होती जा रही है। ऐसे में वाराणसी से एक दर्दनाक मामला सामने आया है। यहां मृत शय्या को ले जाने के लिए ये रास्ता अपनाना पड़ रहा है। इस दौरान लगातार संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। मरीजों की संख्या बेहद होने की वजह से अस्पतालों में मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं। ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत हो जा रही है। परिवार वालें स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दर-बदर मारे-मारे फिर रहे हैं।

यूपी के वाराणसी में मृत शय्या को ले जाने के लिए शव- वाहन का इंतेजाम कर पाना इतना मुश्किल हो गया कि परिजन को शव ऑटो रिक्शा पर ले जाना पड़ा। ऑटो रिक्शा के ऊपर अंतिम संस्कार के लिए ले जाने इस मृत शय्या को देखकर हर कोई हैरान है। कैसी स्थितियां आ गई इस देश में।

महामारी के कहर से हर तरफ इसी तरह का हाहाकार मचा हुआ है। किसी को लाश जलाने के लिए जगह नहीं मिल रही, तो किसी को शव-वाहन नहीं मिल रहा तो कहीं लकड़ियां ही नहीं बची।

इस किस्से को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के कमेंट्स किये जा रहे हैं। कोई समय को दोष दे रहा, कोई प्रशासन को तो कोई देश की सरकार को कोश रहा है। देखिए सोशल मीडिया पर ट्वीट किया गया ये ट्वीट- सोचिये बनारस में मृत शय्या को ले जाने का ये रास्ता अपनाना पड़ा, अब इससे ज़्यादा बुरे दिन क्या देखना की मृत शरीर को इतना अपमानित होना पड़ रहा।

ये हालत हो गई है भारत की। जहां अंतिम संस्कार में कोई शामिल होने के लिए तैयार नहीं हो रहा। रोते-बिलखते चेहरों के आंसू पोछने वाला कोई नहीं है। इस महामारी ने इंसान को इंसानियत से लाखों-कोसों दूर कर दिया है।

Vidushi Mishra

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