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Gyanvapi case: हाईकोर्ट में दूसरे दिन ज्ञानवापी केस की सुनवाई, हिन्दू पक्ष आज फिर पेश करेगा दलील
Gyanvapi case:हिंदू पक्ष की ओर से अपनी दलीलें अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन अदालत के सामने रख रहे हैं। उन्होंने स्कंद पुराण सहित अन्य दलीलें भी दी हैं।
Gyanvapi case: वाराणसी ज्ञानवापी केस की सुनवाई मंगलवार (06 दिसंबर) को लगातार दूसरे दिन भी इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में जारी रहेगी। इससे पहले, सोमवार को अदालत में हिंदू पक्ष के वकील ने अपनी दलील पेश की। मंगलवार को दूसरे दिन एक बार फिर हिंदू पक्ष की ओर से अपनी दलीलें अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन (Advocate Vishnu Shankar Jain) अदालत के सामने रखेंगे।
एक दिन पहले की सुनवाई में वकील विष्णु शंकर जैन ने हाई कोर्ट में कहा था कि, संपत्ति स्वयं-भू भगवान विश्वेश्वर की मूर्ति में निहित है। हिंदू पक्ष साल 1947 के पहले से श्रृंगार गौरी (Gyanvapi Shringar Gauri) की पूजा करते आ रहे हैं। हिन्दू पक्ष ने सिर्फ पूजा के अधिकार (Right of Worship) की मांग की है। इससे याची के किसी विधिक अधिकार का उल्लंघन नहीं होता है।
'इस्लाम में दूसरे की संपत्ति पर इबादत कबूल नहीं'
हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने अपनी दलील में कोर्ट को ये भी बताया कि, इस्लामिक कानून (Islamic Law) में दूसरे की संपत्ति पर इबादत कबूल नहीं होती है। इसके लिए अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने पौराणिक तथ्यों तथा कोर्ट के फैसलों पर अपना पक्ष रखा। सुनवाई पूरी न हो पाने के कारण उच्च न्यायालय ने मंगलवार की तारीख तय कर दी थी।
मुहम्मद गौरी-औरंगजेब के समय में तोड़ी गई थी मंदिर
हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने अपनी दलीलों को रखते हुए पौराणिक तथ्यों का हवाला दिया। इस दौरान उन्होंने स्कंद पुराण का भी हवाला दिया। विष्णु जैन ने कोर्ट से कहा, 'स्कंद पुराण (Skanda Purana) के अध्याय 99 तथा 100 के श्लोक संख्या- 61 से 70 तक इसका विस्तार से वर्णन है। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता ने सर्वोच्च अदालत के जस्टिस के. रामास्वामी द्वारा दिए गए आदेश का भी हवाला दिया। जिसमें कहा गया था कि विश्वेश्वर नाथ मंदिर (Vishweshwar Nath Temple) को मुहम्मद गौरी (Muhammad Ghori) और मुगल शासक औरंगजेब (Mughal Emperor Aurangzeb) के समय तोड़ा गया। इसी मसले पर आज सुनवाई होगी।
मुस्लिम पक्ष ने दायर की है याचिका
गौरतलब है कि, वाराणसी कोर्ट के जिला जज द्वारा दिए गए फैसले को मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है। वाराणसी की जिला अदालत ने ये फैसला 12 सितंबर को सुनाया था। इस केस से जुड़ी पांचों वादी महिलाओं सहित 10 लोगों को पक्षकार बनाया गया है। श्रृंगार गौरी मामले में राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने वाराणसी कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया था। इस केस में अपनी आपत्ति खारिज होने के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने याचिका हाईकोर्ट में दायर की है।