Varanasi News: Adani Foundation का कुपोषित बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्नेह शिविर कार्यक्रम

Varanasi News: अदाणी फाउंडेशन द्वारा स्नेह शिविर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के तहत वाराणसी के स्लम इलाकों में स्थित कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य ठीक करने के किये खान-पान की सही विधि उनकी माताओं को सिखायी जा रही है।

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Written By NetworkPublished By Bishwajeet Kumar
Published on: 5 March 2022 5:39 PM GMT
Adani Foundation Varanasi
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अदाणी फाउंडेशन वाराणसी द्वारा स्नेह शिविर कार्यक्रम का आयोजन

वाराणसी। अदाणी फाउंडेशन वाराणसी द्वारा स्नेह शिविर कार्यक्रम का आयोजन लल्लापुरा स्लम स्थित माताकुंड में किया गया। विगत सप्ताह से प्रारम्भ स्नेह शिविर कार्यक्रम एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से अति गंभीर, मध्यम कुपोषित बच्चों को स्वस्थ्य बनाने प्रयास होता है। उनके माताओं के व्यवहार में परिवर्तन लाकर के स्नेह शिविर कार्यक्रम के दौरान प्रतिदिन कुपोषित बच्चों के लिए पुष्टाहार, स्थानीय और पारंपरिक खाद्य पदार्थों से विभिन्न प्रकार के रंग बिरंगे व्यंजन तैयार करके उन बच्चों को खिलाया भी जाता है। ताकि बच्चों में भोजन को लेकर रुचि बढ़े क्योंकि अधिकतर माताओं की शिकायत भी रहती है कि उनका बच्चा कुछ खाना नहीं चाहता है इसीलिए कुपोषित है तो ऐसे बच्चों के लिए यह कार्यक्रम बहुत सफल है।

बताई जा रही कुकिंग की विधि

वैसे यह कार्यक्रम उन लोगों के लिए है जो मलिन बस्ती में रहकर पति पत्नी दोनो मजदूरी का काम करते है के पास समय नहीं होता की वो 15 दिन तक पोषण पुनर्वास केंद्र में रहे और अपने बच्चे का उपचार कराए। इस कार्यक्रम में प्रतिदिन भोजन सामग्री को कैसे साफ करना है और कितने 2 मात्रा में कौन सी सब्जी या अनाज डालना है साथ ही कुकिंग की विधि बताई जाती है। एवम भोजन करने से पहले हाथों को कैसे धुलना है यह भी प्रेक्टिकल करके सिखाया जाता है।

अदाणी फाउंडेशन वाराणसी द्वारा स्नेह शिविर कार्यक्रम का आयोजन

साथ ही बच्चों को रंगीन और अलग-अलग प्रकार से व्यंजन बनाके खिलाने से सभी पोषकतत्वों के साथ 2 उनकी आवश्यकता भी पूर्ण होगी, जिससे उनका सर्वांगीण विकास होगा और बच्चा कुपोषित नहीं होगा। उनकी माताओं को भी सिखाया जाता है ताकि वो व्यंजन घर पे तैयार करके बच्चो के साथ साथ स्वयं भी उसका सेवन करें, जिससे यदि उनके घर में कोई नया बच्चा जन्म लेता है तो वो सुपोषित हो। मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें, प्रतिदिन बच्चों की वजन और लंबाई की भी जांच होती है फिर 18 दिन के बाद फॉलो अप भी होगा जिससे ये आकलन होगा की स्नेह शिविर में जो भी सिखाया जाता था उसका पालन माताएं घर पे कर रही हैं या नहीं।

इस कार्यक्रम में सुपोषण संगिनी रेशमा परवीन,अंजुम बानो के साथ साथ आंगनवाड़ी कार्यकत्री मीना देवी,विंदू देवी, सन्नो देवी, सईदा बेगम और सहायिका हीरावती देवी ने सहयोग किया।

Bishwajeet Kumar

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