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Varanasi News: बीएचयू वीसी ने किया काशी तमिल संगमम आयोजन स्थल का दौरा, विभिन्न प्रदर्शनी का किया अवलोकन

Varanasi News: काशी तमिल संगमम में बड़ी संख्या में ऐसे स्टॉल लगाए गए हैं जिन पर तमिलनाडु की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक मिल रही है तथा हस्तकला व उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है।

Durgesh Sharma
Written By Durgesh Sharma
Published on: 1 Dec 2022 8:26 PM IST
Varanasi News bhu vc inspectioned kashi tamil samagam
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Varanasi News bhu vc inspectioned kashi tamil samagam (BHU) 

Varanasi News: कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने आज काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के एम्फिथियेटर मैदान स्थित काशी तमिल संगमम के आयोजन स्थल का दौरा किया तथा वहां लगाए गए विभिन्न स्टॉल व प्रदर्शनी का अवलोकन किया। काशी तमिल संगमम में बड़ी संख्या में ऐसे स्टॉल लगाए गए हैं जिनपर तमिलनाडु की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक मिल रही है तथा हस्तकला व उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। यहां तमिलनाडु के व्यंजनों के स्टॉल भी लगाए गए हैं। कुलपति ने तमिलनाडु व काशी के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों को प्रदर्शित करती चित्र प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

वीसी ने जायका का लिया आनंद

प्रो. जैन ने केन्द्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान के स्टॉल से तिरुवल्लुवर द्वारा रचित काव्य तिरुक्कुरल की एक प्रति भी खरीदी। संगमम में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास तथा केन्द्रीय भारतीय भाषा संस्थान द्वारा पुस्तकों के स्टॉल लगाए गए हैं, जहां लोगों को तमिल साहित्य, कला, भाषा, इतिहास समेत अनेक विषयों की पुस्तकें मिल रही हैं।

तमिलनाडु की हस्तकला व विभिन्न उत्पादों को प्रदर्शित करते स्टॉल से कुलपति काफी प्रभावित नज़र आए और उन्होंने हस्तकला कारीगरों के कार्य की सराहना की। उन्हें स्टॉल पर प्रदर्शित कलाकृतियों व उत्पादों की विशेषताओं के बारे में अवगत कराया गया।


यहां वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉडक्ट (एक जनपद, एक उत्पाद) का भी स्टॉल लगाया गया है, जिसमें राज्य के उत्पाद प्रदर्शनी व विक्रय के लिए उपलब्ध हैं। वीसी ने कुछ हस्तकला उत्पाद खरीदे व खाद्य स्टॉल पर तमिलनाडु के प्रसिद्ध व्यंजनों का ज़ायका भी लिया।

प्रो. जैन ने कहा कि काशी तमिल संगमम भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत व विविधता में एकता को दर्शाने का एक उत्तम मंच है। उन्होंने आह्वान किया कि सभी लोग काशी तमिल संगमम आएं और यहां परिलक्षित हो रहे दो प्राचीन व समृद्ध संस्कृतियों के मिलन के साक्षी बनें, जिसकी मेज़बानी का सौभाग्य काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ है।



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