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Varanasi News: NAMS के सदस्य चुनें गए डॉ. सत्येंद्र तिवारी, जयपुर में आयोजित हुआ अधिवेशन

BHU News: नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज, भारतवर्ष में चिकित्सा शास्त्र का सर्वोच्च वैज्ञानिक निकाय है। डॉक्टर तिवारी चिकित्सा विज्ञान संस्थान के सर्जरी विभाग में आचार्य के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

Durgesh Sharma
Written By Durgesh Sharma
Published on: 23 Nov 2022 11:41 AM GMT (Updated on: 23 Nov 2022 1:15 PM GMT)
Varanasi News Dr Satyendra Tiwari elected NAMS member and Seminar held in Jaipur
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Varanasi News Dr Satyendra Tiwari elected NAMS member and Seminar held in Jaipur (Social Media)

BHU News: डॉक्टर सत्येंद्र कुमार तिवारी को सर्जरी के क्षेत्र में पूरे भारतवर्ष में योग्यता के आधार पर नेशनल एकेडमी ऑफ़ मेडिकल साइंसेज का सदस्य(NAMS) चयनित किया गया जो कि 62 वें राष्ट्रीय अधिवेशन(NAMSCON 2022) जयपुर में प्रदान किया गयाl आपको बता दें कि नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज, भारतवर्ष में चिकित्सा शास्त्र का सर्वोच्च वैज्ञानिक निकाय है। डॉक्टर तिवारी चिकित्सा विज्ञान संस्थान के सर्जरी विभाग में आचार्य के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

उनके द्वारा विगत वर्षों में कई अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं जिनकी संख्या 130 के करीब है। इसके साथ ही पांच पुस्तकों का संपादन कर चुके हैं। अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशक स्प्रिंगर के द्वारा 2022 में प्रकाशित उनकी लोकप्रिय किताब अप्रोच टू लोअर लिंब ईडिमा (Approach to lower limb oedema) , जो कि पैरों की सूजन की बीमारी से संबंधित है, प्रकाशन के 9 महीनों में ही बिक्री के 13 हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है।

कोकलीकट्टई कलाकारों ने किया शिव पार्वती लीला का मंचन, काशीवासी हुए अभिभूत

काशी तमिल संगमम उत्तर और दक्षिण के साझे मूल्यों व साझी संस्कृति से आम जनमानस को रूबरू कराने का काम कर रहा है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की इस अनूठी पहल में भाषा, साहित्य, प्राचीन ग्रंथों, दर्शन, अध्यात्म, संगीत, नृत्य, नाटक, योग, आयुर्वेद से लेकर हस्तकला, हस्तशिल्प जैसे तमाम अन्य विषयों पर भी संवाद व विमर्श हो रहा है। संगमम में दिनांक 22 नवंबर 2022 को विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने इस विमर्श को और आगे बढ़ाया।


तमिल काशी संगमम मंगलवार की सांस्कृतिक संध्या की मुख्य अतिथि डॉ जयंती एस. रवि ने कहा कि काशी तमिल संगमम उत्तर और दक्षिण की संस्कृतियों के बीच एक सेतु का कार्य कर रहा हैँ।

हिन्दी व तमिल भाषाओ में अपने संबोधन में उन्होंने महामना की बगिया काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बीएचयू इन दो महान संस्कृतियों के संगम के आयोजन का महान कार्य बखूबी कर रहा है।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में निवेदिता स्कूल, वाराणसी, की छात्राओं ने श्रीमती सुजाता गुप्ता के निर्देशन मे कजरी गीत "पिया मेहंदी मंगा द मोतिझील से" तथा अन्य लोकगीतों का गायन किया गया।


उत्तरप्रदेश की इस लोकविधा को और बारिश के मौसम में विशेष रूप से गाया जाता है। तमिलनाडु की नीलगिरी पहाड़ियों से आये टोडा जनजातीय समाज के कलाकारों ने जनजातीय गायन प्रस्तुत किया। अपनी प्रस्तुति का समापन कलाकारों ने वन्देमातरम के साथ किया।

अगली कड़ी मे तमिलनाडु से आर सुधाकर के निर्देशन मे कलाकारों ने स्टेज तथा जनता के मध्य आकर कोकलीकट्टई के माध्यम से शिव पार्वती लीला का प्रदर्शन किया। शहनाई ढ़ोल व नृत्य के माध्यम से किये गए इस प्रस्तुतिकरण से सभी दर्शक झूम उठे।


इसके अलावा बालागुरुनाथन के निर्देशन मे नाट्य मंजरी पर भारतनाट्यम का प्रदर्शन किया गया, साथ ही साथ मणिकन्दन की टीम द्वारा पम्बईवाद्यम का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम की समाप्ति करुणकुली आर.गणेशन द्वारा तमिल लोक गीतों के द्वारा भगवान शिव की आराधना से की गयी।

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