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Varanasi News: केवी कृष्णन से मिले केंद्रीय शिक्षा मंत्री, तमिल संगमम की तैयारियों का लिया जायजा
BHU News: धर्मेंद्र प्रधान आज सुबह काशी में महाकवि सुब्रमण्यम भारती के 96 वर्षीय भांजे के.वी कृष्णन व उनके परिवार से मिलने पहुंचे।
BHU News: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि महाकवि सुब्रमण्यम भारती के भांजे केवी कृष्णन के बच्चे महाकवि भारती की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। प्रधान आज सुबह काशी में महाकवि सुब्रमण्यम भारती के 96 वर्षीय भांजे के.वी कृष्णन व उनके परिवार से मिलने पहुंचे। परिवार से मुलाकात के बाद प्रधान ने कहा कि अब तक के सबसे महान तमिल साहित्यकारों में से एक, महाकवि भारती का काशी हनुमान घाट स्थित घर एक ज्ञान केंद्र और पावन तीर्थ है।
उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय और महिला सशक्तीकरण पर सुब्रमण्यम भारती की रचनाएँ आज भी प्रासंगिक हैं। काशी में ही भारती जी का परिचय अध्यात्म और राष्ट्रवाद से हुआ। भारती जी के व्यक्तित्व पर काशी ने गहरा प्रभाव हैं।
पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
उन्होंने कहा कि महाकवि के परिवार में जयंती, हेमा, रवि और संतोष से मिलकर ख़ुशी भी हुई और गर्व भी हुआ। उन्होंने कहा कि महाकवि भारती का जीवन, विचार और लेखन हमारी आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा। प्रधान काशी तमिल संगमम की तैयारियों के लिए बनारस पहुंचे थे।
इसी क्रम में उन्होंने शुक्रवार की सुबह महाकवि के परिजनों से मुलाकात की। काशी तमिल संगमम की चर्चा करते हुए प्रधान ने कहा कि यह संगमम हमारी महान संस्कृतियों के बीच एकता और समानता का ही उत्सव है। एक माह तक चलने वाले इस महोत्सव का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को करेंगे।
प्राकृतिक खेती पर आयोजित हुआ सेमिनार
काशी हिंदू विश्वविद्यालय कृषि विज्ञान केन्द्र, बरकछा, मिर्जापुर ''प्राकृतिक खेती'' पर दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का उद्घाटन पं. महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।
कार्यक्रय में प्रतिभागी कृषकों का स्वागत केन्द्र के अध्यक्ष प्रो. श्रीराम सिंह ने किया। कार्यक्रम की रूपरेखा का प्रस्तुतीकरण केन्द्र के फसल सुरक्षा वैज्ञानिक एवं आयोजन समन्वयक डॉ. जय प्रकाश राय ने किया।
वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. संत प्रसाद ने प्राकृतिक खेती में प्रयुक्त होने वाले तत्वों का प्रयोग एवं उसको बनाने की विधि के बारे में जानकारी दी। कृषि अभियंत्रण वैज्ञानिक डॉ.सुनील कुमार गोयल ने प्राकृतिक खेती के लाभों के बारे में बताया।
मृदा वैज्ञानिक डॉ. एस.एन. ने जैविक खेती एवं प्राकृतिक खेती में मूलभूत अन्तर एवं विशिष्टताओं के बारे में जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम के सफल आयोजन में केन्द्र के कर्मचारी पंकज सिंह, राजेश कुमार सिंह, हरेन्द्र मौर्या, अमरेश ने अपना सक्रिय सहयोग दिया।