Varanasi News: उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव की आहट मिलने लगी है, बीजेपी ने तैयारियां शुरु कर दी हैं। कद्दावर नेता और देश के गृह मंत्री (Home Minister) अमित शाह (Amit Shah) ने एक बार फिर से कमान संभाल ली है। अमित शाह ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बीजेपी नेताओं (Varanasi BJP Leaders) को फोन किया और शहर में चल रहे विकास कार्यों के बाबत जानकारी ली।
बीजेपी नेताओं से जाना शहर का हाल
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश प्रवक्ता अशोक पांडेय से (Amit Shah Phone Call) काफी देर तक बातचीत की। गृह मंत्री अमित शाह ने वाराणसी में चल रहे विकास कार्यों की जानकारी लेने के साथ ही कोरोना केस के बारे में भी जाना। साथ ही उन्होंने ने कोरोना नियंत्रण व संक्रमण की ताजा स्थिति पूछने के साथ ही प्रदेश प्रवक्ता से पूछा कि वहा संसाधन की कमी तो नहीं है। अंत में अमित शाह ने वाराणसी के अधिकरियों के कामकाज का भी जिक्र किया। उन्होंने पूछा कि कमिश्नर, डीएम का काम ठीक चल रहा है न।
कोरोना काल में हुई थी सरकार की किरकिरी
कोरोना काल में वाराणसी में हजारों लोगों ने दम तोड़ा। इसके साथ ही लाखों की तादात में लोग संक्रमित हुए। इस बीच कुछ अव्यवस्था की भी तस्वीरें सामने आई, जिसके बाद सरकार की किरकिरी हुई। हालांकि कुछ दिनों में ही हालात सामान्य हो गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए यहाँ के जन प्रतिनिधियों से बात की और पेंच कसी थी। पीएम के निर्देश पर एमएलसी ए के शर्मा ने यहाँ कैम्प किया प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर कोविड को ख़त्म किया।
गंगा नदी के हरे पानी ने बढ़ाई चिंता ध्यान दें कि इऩ दिनों काशी में गंगा नदी के हरे होने का मामला चर्चा में है। काशी में पिछले कुछ दिनों से भारी मात्रा में शैवाल आने से गंगा का पानी पूरी तरह हरा हो गया है, इसे लेकर लोगों में तरह-तरह की आशंकाए बनी हुई हैं । यह गंगा में रहने वाले जीवों के लिए तो खतरनाक साबित होगा ही साथ में गंगा पट्टी में रहने वालों की मुसीबत भी बढ़ने वाली है ।
शैवालों से मोटर न्यूरॉन डिजीज (एमएनडी) का खतरा दस गुना बढ़ने की आशंका को बल दिया है । जो लोग पहले से इस बीमारी से ग्रसित हैं, उनके लिए संकट और भी अधिक है । इसके कारण का खुलासा करते हुए बीएचयू के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. वीएन मिश्रा ने बताया कि शैवाल की मौजूदगी क्रोमियम, एल्युमीनियम, आर्सेनिक और लेड जैसे खतरनाक तत्वों की मात्रा बढ़ने का कारण बनेगी ।
क्या होता है एमएनडी में
पिछले कुछ सालों में गंगा के दोनों किनारों के 20-20 किमी के अंदर रहने वालों में एमएनडी के आठ हजार रोगी पाए गए थे । मोटर न्यूरॉन डिजीज से ग्रसित रोगी सबसे पहले कमजोरी का शिकार होता है । शरीर में कंपन और धड़कन बढ़ जाती है । चलने ओर निगलने में परेशानी होती है । भोजन करते समय निवाला सरक जाने से खांसते-खांसते रोगी की मृत्यु तक हो सकती है।