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Varanasi News: बीएचयू की गौरव गाथा प्रदर्शित कर रहा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का स्टॉल

Varanasi Kashi Tamil Sangamam: इस कार्यक्रम में लोगों को सर्वविद्या की राजधानी तथा देश के प्रमुख व अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के बारे में भी जानकारी मिल रही है।

Durgesh Sharma
Written By Durgesh Sharma
Published on: 24 Nov 2022 8:08 PM IST
Varanasi News Stall of Kashi Hindu University displayed glory story of BHU in Kashi Tamil Sangamam
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Varanasi News Stall of Kashi Hindu University displayed glory story of BHU in Kashi Tamil Sangamam (BHU)  

BHU News: काशी तमिल संगमम में देश भर से आ रहे लोग दो महान व समृद्ध संस्कृतियों का समागम देख अभिभूत व आल्हादित हो रहे हैं। इस कार्यक्रम में लोगों को सर्वविद्या की राजधानी तथा देश के प्रमुख व अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के बारे में भी जानकारी मिल रही है। काशी तमिल संगमम की शानदार मेज़बानी से पहले ही लोगों को प्रभावित कर रहे बीएचयू ने आयोजन स्थल एम्फिथियेटर मैदान पर अपना स्टॉल भी लगाया है, जिसमें विश्वविद्यालय की शानदार व गौरवपूर्ण यात्रा व उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है।

इन माध्यम से बताया गया विश्वविद्यालय की उपलब्धियां

प्रदर्शनी ज्ञानार्जन व शोध के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की विशिष्टता को दर्शाती है, जहां प्राचीन ज्ञान से लेकर आधुनिक विज्ञान तक की शिक्षा के लिए दुनिया भर से विद्यार्थी आते हैं।

स्टॉल में विश्विद्यालय की स्थापना के लक्ष्यों, विभिन्न संस्थानों व संकायों, अध्ययन व शोध केन्द्रों, अंतरराष्ट्रीय केन्द्र, संग्रहालय भारत कला भवन, महामना के आवास रहे – मालवीय भवन, तथा सयाजी राव गायकवाड़ केन्द्रीय ग्रंथालय के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई है।


काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित कृषि विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक तथा वर्तमान में सलाहकार प्रो. रमेश चंद ने बताया कि इस स्टॉल का उद्देश्य विश्वविद्यालय की गौरवगाथा तथा राष्ट्र निर्माण में बीएचयू की भूमिका के बारे में अवगत कराना है।

इन माध्यम से पा सकेंगे जानकारी

उन्होंने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय दुनिया भर में एक विशिष्ट संस्थान है, जहां एक ही स्थान पर अनेक क्षेत्रों की शिक्षा दी जाती है। इस स्टॉल के माध्यम से यह भी बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए निरन्तर कार्य करता आ रहा है।

बीएचयू के स्टॉल को दृश्य कला संकाय के डॉ.मनीष अरोड़ा ने डिज़ाइन किया है। स्टॉल पर विश्वविद्यालय के प्रमुख बिन्दुओं के बारे में क्यू आर कोड भी उपलब्ध कराए गए हैं, जिन्हे स्कैन कर आगन्तुक विस्तृत जानकारी अपने फोन पर ही पा सकते हैं।


लोगों को भा रहें संस्थान के उत्पाद

स्टॉल का एक प्रमुख आकर्षण डेयरी विज्ञान व खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग, कृषि विज्ञान संस्थान, द्वारा तैयार उत्पाद भी हैं। इनमें विभाग के विद्यार्थियों द्वारा तैयार महामना प्रसाद (दूध से तैयार पेड़ा) भी है, जिसे काफी पसंद किया जा रहा है।

इसके अलावा काले आटे से तैयार हलवा, सेब का जैम, तथा पपीते का अचार भी प्रदर्शित किया गया है। आम जन को इन उत्पादों के पोषण गुणों के बारे में अवगत कराने के लिए यह उत्पाद प्रदर्शित किये गए हैं।

सांस्कृतिक धारा में सराबोर हुए काशी वासी

सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत मुख्य अतिथि प्रख्यात लेखक व पत्रकार नारायणन वी. मालन के संबोधन से हुई। उन्होंने तमिलनाडु की संस्कृति एवं विविधता को भारतीय समाज को एकजुट करने के सूत्र के रूप में बताया।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की शुरुआत प्रो. के. शशि कुमार, संकाय प्रमुख, मंच कला संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, द्वारा प्रस्तुत भजनों के साथ हुई। उन्होंने 4 भजनों की प्रस्तुति कर सांस्कृतिक संध्या में भक्ति भाव का संचार किया। इनमें उनका स्वलिखित गीत जय गंगे भी शामिल था।

कार्यक्रम की अगली कड़ी में कलाईमामणि श्री मुथूचंद्र ने थोलपवी कोथू कठपुतली नृत्य का प्रदर्शन किया। इस प्रस्तुति में रामायण के लंका काण्ड की सुन्दर प्रस्तुति की गई, जिसे दर्शकों से भरपूर उत्साहवर्धन व सराहना मिली।


एस. जेवियर जयकुमार ने माता काली की स्तुति में एक लोकगीत की प्रस्तुति की जो की तमिलनाडु के सभी मंदिरों व प्रमुख त्योहारों में गाया जाता है। शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम की प्रस्तुति सुप्रसिद्ध कलाकार कलाईमामणि प्रिया मुरली ने की। प्रस्तुति में नृत्य मुद्राओं व भाव-भंगिमाओं से दर्शक अभिभूत दिखे।

कार्यक्रम की आख़िरी कड़ी में तमिलनाडु की दुर्लभ कला कारागम का प्रदर्शन कलाईमामणि यू. पार्वती द्वारा किया गया। वे इस नृत्य को करने में पिछले 30 वर्षों से पारंगत है तथा उनके बच्चे भी इस परंपरा को आगे ले जाने में उनका सहयोग करते हैं। इस नृत्य में सर के ऊपर कलश लेकर संतुलन बनाने की कला सम्मिलित है।



Durgesh Sharma

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