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IT के रडार पर स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, नोटिस भेजने से संत समाज नाराज
अखिल भारतीय संत समिति के केंद्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती अब इनकम टैक्स के रडार पर आ गए हैं। इनकम टैक्स ने वित्तिय गड़बड़ी के मद्देनजर नोटिस जारी किया है।
वाराणसी: अखिल भारतीय संत समिति के केंद्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती अब इनकम टैक्स के रडार पर आ गए हैं। इनकम टैक्स ने वित्तिय गड़बड़ी के मद्देनजर नोटिस जारी किया है। इसे लेकर संत समाज तिलमिलाया हुआ है। आयकर विभाग ने सनातन हिन्दू धर्म के 13 अखाड़ों और प्रयागराज के मठ-मंदिरों को व्यक्तिगत उपस्थिति होने के लिए नोटिस भेजा है। इस मामले पर अखिल भारतीय संत समिति ने आपत्ति जताई है। समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने इस संत समाज को बदनाम करने का एक षड्यंत्र बताया है।
अखिल भारतीय संत समिति 127 संप्रदायों का संयुक्त मंच है
अखिल भारतीय संत समिति ने केंद्रीय वित्त सचिव को पत्र लिखकर इस नोटिस को स्थगित करने की मांग की है। स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि अखिल भारतीय संत समिति सनातन हिन्दू धर्म के 127 सम्प्रदायों का संयुक्त मंच है। पिछले दिनों आयकर आयुक्त राजेश कुमार और उपायुक्त द्वारा सनातन हिन्दू धर्म के 13 अखाड़ों और प्रयागराज के सभी मठ-मंदिरों को व्यक्तिगत उपस्थिति सम्बन्धी नोटिस भेजा। ये गैर कानूनी होने के साथ ही साथ हिन्दू धर्मचार्यों को अपमानित और प्रताड़ित करने और उन्हें बदनाम करने का षड्यंत्र है।
इनकम टैक्स ने संतों को क्यों भेजा नोटिस
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि कुम्भ 2019 के दौरान 13 अखाड़ों और प्रयागराज के सभी मठ-मंदिरों ने मूलभूत सुविधाओं को देखेत हुए कुछ निर्माण उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा कराये गए। इसमें अखाड़ा प्रबंधन से कोई सम्बन्ध नहीं था, बल्कि कार्यदायी संस्था जल निगम के द्वारा यह सभी कार्य हुआ, पूज्य संतों के अखाड़ों का इस धन से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश अथवा भारत सरकार द्वारा जो भी धन आवंटित हुआ वो इनके खातों में नहीं आया बल्कि कार्यदायी संस्था के खाते में आया था, परन्तु आयकर विभाग द्वारा जानबूझकर अपमानित करने की दृष्टि से व्यक्तिगत उपस्थिति की नोटिस भेजी गयी है, जो की गैर कानूनी होने के साथ ही साथ हिन्दू धर्माचार्यों से व्यक्तिगत घृणा को भी प्रदर्शित करता है।
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केंद्रीय सचिव को पत्र लिखकर की कार्रवाई की मांग
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने केंद्रीय सचिव को पत्र लिखते हुए मांग की है कि इस विषय का संज्ञान लेते हुए नोटिस रद्द करने के साथ ही साथ इन दोनों अधिकारियों को निलंबित कर निष्पक्ष जांच करवाकर हिन्दू धर्माचार्यों को अपमानित तथा हिन्दू धर्म को बदनाम करने के लिए सरकारी विभाग का प्रयोग तथा धार्मिक एवं सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में इनपर प्राथमिकी दर्ज कराई जाए।
रिपोर्ट- आशुतोष सिंह
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