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Varanasi News: बाबा विश्वनाथ को अर्पित हुए 56 भोग, बेहद प्राचीन है अन्नकूट कार्यक्रम की परंपरा
Varanasi News: 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ धाम में आज अन्नकूट कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्राचीन समय से काशी विश्वनाथ धाम में अन्नकूट व छप्पन भोग अर्पित करने की परंपरा है।
Varanasi News: 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ धाम में आज अन्नकूट कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दीपावली के बाद प्राचीन समय से काशी विश्वनाथ धाम में अन्नकूट व छप्पन भोग अर्पित करने की परंपरा है। इस परंपरा का निर्वहन करते हुए काशी विश्वनाथ धाम में आज अन्नकूट कार्यक्रम और 56 भोग लगाए गए। इसके अलावा काशी विश्वनाथ धाम के परिसर के पास ही माता अन्नपूर्णा मंदिर में दर्शन करने के लिए आज पांचवे दिन कुल 7 लाख से अधिक लोगों ने दर्शन किया। माता अन्नपूर्णा मंदिर का कपाट धनतेरस के बाद 5 दिन के लिए ही साल भर में खुला था।
अन्नकूट पर माता अन्नपूर्णा भक्तों को दर्शन देकर करती है निहाल
इस दौरान काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य महंत श्रीकांत तिवारी ने अन्नकूट का माहात्म्य बताते हुए कहा कि सात वार में 9 त्योहार की मान्यता रखने वाली काशी में मधुरता, मनोहरता, सुंदरता, दिव्यता, भव्यता, सौंदर्य, लालित्य का उदाहरण है। काशी आज का जो खास अवसर है। अन्नकूट का इसमें शामिल होने के लिए देश और विदेश से श्रद्धालु काशी आते हैं। काशी में बाबा विश्वनाथ ने साक्षात माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी। भिक्षा मांगकर माता अन्नपूर्णा से वचन लिया था कि काशी वासी कभी भी भूखा नहीं रहेंगे।
अन्नपूर्णा सदापूर्णे शंकरप्राण बल्लभे ज्ञान बैराग्य सिद्धयर्थम भिक्षाम देही च पार्वती। माता अन्नपूर्णा जो बाबा विश्वनाथ की प्राणबल्लभा हैं वो और बाबा विश्वनाथ प्रतिज्ञाबद्ध होते हैं जब तक इस धरा धाम पर जीवित है। तब तक आप माता अन्नपूर्णा के रूप में काशी में विराजमान रहकर पृथ्वी के वासियों का कल्याण करेंगी। जब मानव का जीवन समाप्त होगा तो तारक मंत्र देकर तारने का काम करुंगा। ऐसा यह विशेष पर्व है जो भक्ति और मुक्ति दोनों प्रदान करता है।