Varanasi News: ज्ञानवापी पर दिए बयान में अखिलेश यादव और ओवैसी फंसे, 7 जुलाई को अगली सुनवाई

Varanasi News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और एमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी परिसर में कमीशन की कार्रवाई के दौरान मिले शिवलिंगनुमा आकृति पर विवादित बयान दिया था। जिस पर कोर्ट आज सुनवाई हुई।

Purushottam Singh Varanasi
Published on: 17 Jun 2023 4:03 AM GMT (Updated on: 17 Jun 2023 11:12 AM GMT)
Varanasi News: ज्ञानवापी पर दिए बयान में अखिलेश यादव और ओवैसी फंसे, 7 जुलाई को अगली सुनवाई
X
अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी (सोशल मीडिया)

Varanasi News: ज्ञानवापी केस पर पूरे देश और दुनिया की निगाह लगी हुई है। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक ज्ञानवापी केस की सुनवाई चल रही है। ऐसे में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और एमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी परिसर में कमीशन की कार्रवाई के दौरान मिले शिवलिंगनुमा आकृति पर विवादित बयान दिया था। जिसको लेकर निचली अदालत में अधिवक्ता हरिशंकर पांडे ने याचिका दायर की थी। अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी के हेट स्पीच को लेकर आज वाराणसी के अपर जिला जज( नवम) विनोद सिंह की अदालत में जवाब दाखिल करना है। निचली अदालत के आदेश के खिलाफ अपर जिला जज के यहां पुनरीक्षण याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट ने सम्मन देकर अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी दोनों नेताओं को तलब किया है। हेट स्पीच के मामले में 7 जुलाई को अगली सुनवाई रखी है।

अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने हेट स्पीच पर दायर किया था याचिका

ज्ञानवापी परिसर में कोर्ट की कमीशन कार्रवाई के दौरान शिवलिंग नुमा आकृति वजूखाने के तालाब में मिला था। जिसके बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया था कि 'पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर और झंडा लगा दे तो भगवान और शिवलिंग है'। अखिलेश यादव का यह बयान करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर चोट पहुंचाने का काम किया था ।

जबकि एमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी में मिले शिवलिंगनुमा आकृति को लेकर यह बयान दिया था कि 'हम और किसी मस्जिद को नहीं खोएंगे ज्ञानवापी का फैसला वरशिप एक्ट 1991 के खिलाफ है इससे देश में अस्थिरता का माहौल बनेगा'। अधिवक्ता हरिशंकर पांडे ने अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ बयान देने के बाद वाराणसी की लोअर कोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई थी। लेकिन लोअर कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था जिसके बाद हरिशंकर पांडेय ने ऊपरी अदालत में दोबारा रिवीजन याचिका दायर की थी ।


करोड़ों हिंदुओं की भावना को किया आहत- अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय

हरिशंकर पांडेय ने आरोप लगाया ज्ञानवापी केस के दौरान कोर्ट के द्वारा कमीशन सर्वे की कार्यवाही की गई। कमीशन सर्वे की कार्यवाही के दौरान वजू खाने के तालाब से शिवलिंग नुमा आकृति मिली थी। जिसके बाद अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी ने हिंदुओं के प्रति यह बयान देकर उनकी भावना को ठेस पहुंचाने का काम किया। करोड़ो हिंदुओं की भावना को दोनों नेताओं ने ठेस पहुंचाई है। हरिशंकर पांडेय ने अपने प्रार्थना पत्र में लिखा है कि जिस वजू खानों के तालाब से शिवलिंग मिला है वहां पैर धोए जाने ,थूकने और गंदा पानी बहाए जाने से हिंदू धर्म के लोग काफी दुखी है और उनके मन में अपार पीड़ा है। गहरी साजिश के तहत भगवान विश्वेश्वर के शिवलिंग को फव्वारा कहा गया। साजिश के तहत समाज हिंदू धर्म के लोगों पर कुठाराघात किया गया।

Purushottam Singh Varanasi

Purushottam Singh Varanasi

Next Story