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ASI Survey: सर्वेक्षण टीम ने किया ज्ञानवापी परिसर में 10 तहखानों का खुलासा, दक्षिण में चार बंद मिले
ASI Survey: ज्ञानवापी परिसर में एएसआई टीम ने रिपोर्ट में बताया है कि वहां व्यासजी के अलावा भी कई तहखाने हैं। जीपीआर तकनीक से हुए सर्वे में परिसर में 10 तहखानों का पता चला है।
ASI Survey: कुछ दिन पहले ही ज्ञानवापी की ASI सर्वेक्षण रिपोर्ट आयी थी। जिसमें यह साफ़ तौर पर बताया गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे हिन्दू मंदिर था। इसके प्रमाण भी मिल चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सर्वेक्षण टीम ने अपनी जाँच जारी रखी। ज्ञानवापी परिसर में एएसआई टीम ने रिपोर्ट में बताया है कि वहां व्यास जी के अलावा भी कई तहखाने हैं। इस बात का खुलासा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने अपनी रिपोर्ट में किया है। ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार यानी जीपीआर तकनीक से हुए सर्वे में परिसर में 10 तहखानों का पता चला है जिसमें से छह तहखाने खुले पाए गए। चार और तहखानों की पुष्टि हुई है। सर्वे रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि दक्षिण में जो तहखाने हैं, उनमें हिन्दू धर्म से जुड़े प्रतीक चिन्ह पाए गये हैं। ऐसे ही उत्तर में भी एक तहखाना मौजूद है, जो दिखाई नहीं दे रहा।
6 तहखानों का हुआ खुलासा
जीपीआर सर्वे की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चबूतरे के नीचे प्लेटफार्म क्षेत्र में तहखानों की छत है, जिसका ऊपरी हिस्सा खुला है, लेकिन नीचे की परत मलबे से भरी हुई है। मालूम पड़ता है कि इसमें मलबा भरकर इसे बंद किया गया है। मंच के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में कई खोखले या आंशिक रूप से भरे हुए तीन मीटर चौड़े तहखाने भी हैं, जिनमें नौ वर्गमीटर आकार के कमरे हैं। इनमें की दीवारें एक मीटर चौड़ी हैं। दक्षिणी दीवार की ओर खुले स्थान हैं, जिन्हें अब सील कर दिया गया है, क्योंकि जीपीआर सिग्नलों में 1-2 मीटर चौड़े अलग-अलग पैच देखे गए हैं। तहखाने के उत्तर की ओर खुले कार्यात्मक दरवाजे हैं।
वहीँ पूर्वी हिस्से में 2 मीटर चौड़ाई के 3 से 4 तहखाने हैं, जिनकी पूर्वी दीवारों की मोटाई अलग-अलग है। यह गलियारे क्षेत्र से सटे हुए है। मंच के पश्चिमी किनारे पर 3 से 4 मीटर चौड़े तहखाने की दो पंक्तियां देखी गईं हैं। तहखाने के भीतर छिपे हुए कुएं का व्यापक वर्णन भी है, जिसकी चौड़ाई दो मीटर है। दक्षिणी दिशा की तरफ एक अतिरिक्त कुएं के निशान भी स्पष्ट रूप से पाए गए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि तहखाने की दीवारों की जीपीआर स्कैनिंग से छिपे हुए कुएं और गलियारे के अस्तित्व का भी पता चलता है। जीपीआर में दिखाया गया है कि दक्षिणी तहखाने का दरवाजा एक दीवार से ढका हुआ है।
ज्ञानवापी परिसर में ही स्थापित की गयी प्रयोगशाला
सर्वेक्षण के दौरान, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने सफाई, लेबलिंग, वर्गीकरण, और नाजुक या क्षतिग्रस्त वस्तुओं की जांच की है। इसके लिए, ज्ञानवापी परिसर में ही एक क्षेत्रीय प्रयोगशाला स्थापित की गई थी। इसमें धातु सहित अन्य सामग्रियों की जांच में मदद मिली थी।