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Awadhesh Rai Murder Case: बहुचर्चित अवधेश राय हत्याकांड पर मुख्तार दोषी करार, दो बजे सुनाई जाएगी सजा

Varanasi News: माफिया डॉन मुख्तार अंसारी ने आरोपों के मुताबिक 32 साल पहले अवधेश राय की हत्या उनके आवास के बाहर कर दिया गया थी। अवधेश राय हत्याकांड में कुल 5 लोग शामिल थे, जिसमें से 2 लोगों की मौत हो चुकी है।

Purushottam Singh Varanasi
Published on: 5 Jun 2023 5:43 PM IST (Updated on: 5 Jun 2023 6:24 PM IST)

Varanasi News: माफिया डॉन मुख्तार अंसारी ने आरोपों के मुताबिक 32 साल पहले अवधेश राय की हत्या उनके आवास के बाहर कर दिया गया थी। अवधेश राय हत्याकांड में कुल 5 लोग शामिल थे, जिसमें से 2 लोगों की मौत हो चुकी है। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी मुख्य अभियुक्त था, जो कि घटनास्थल पर मौजूद था। इस मामले में कोर्ट ने मुख्तार को दोषी करार किया। दो बजे के बाद सजा सुनाई जाएगी।

32 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद फैसला

अवधेश राय के भाई अजय राय ने अपने भाई के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए 32 साल की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के गुर्गों के द्वारा विपक्ष के नेता अजय राय को कई बार जान से मारने की धमकी भी दी गई। विपक्ष के नेता अजय राय ने कहा कि जब मैं अपने भाई के न्याय की लड़ाई नहीं लड़ सकता तो जनता से कैसे न्याय करेंगे। हमलोगों को न्याय पालिका पर पूरा भरोसा था। मुझे पूरा भरोसा है कि दुर्दांत माफिया को कठोरतम सजा होगी।

ऐसे हुआ था जघन्य हत्याकांड

3 अगस्त 1991 को वाराणसी के लहुराबीर स्थित अवधेश राय के आवास के ठीक सामने दिन दहाड़े ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर उनकी हत्या कर दी गई थी। विपक्ष के नेता अजय राय घर के बाहर अपने बड़े भाई अवधेश राय के साथ बातचीत कर रहे थे कि तभी अचानक ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद से ही माफिया डॉन मुख्तार अंसारी समेत कुल 5 आरोपियों को सजा दिलाने के लिए अजय राय ने कोर्ट का सहारा लिया।

गवाहों को धमकाकर और हत्या कराकर मुकदमों से बरी हो जाता था मुख्तार!

कहा जाता है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश का खूंखार अपराधी मुख्तार अंसारी नंदी किशोर रुंगटा, कृष्णानंद राय हत्याकांड के बाद गवाहों को धमकाकर और उनकी हत्या कराकर हर मामले से बरी होता आया है। कहते हैं हर गुनाह की एक सजा मुकर्रर होती है। अवधेश राय हत्याकांड में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी लगातार अजय राय को धमकी देता रहा, लेकिन धमकियों ना डरकर उन्होंने न्याय की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाया।



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