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Varanasi News: बीएचयू की घटना पर पप्पू की अड़ी से पुरातन छात्रों ने दी प्रतिक्रिया, बोले- 9 वर्ग मील का हाता मधुबन की शांति चाहता है, ना की...
Varanasi News: बीएचयू के पुरातन छात्र और वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के स्पोकपर्शन अशोक पांडेय से बातचीत करने पर उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो मैं बीएचयू में घटी घटना की निंदा करता हूं।
Varanasi News: बीएचयू आईआईटी की छात्रा से छेड़खानी के बाद कैंपस में धरना प्रदर्शन और अनशन का दौर चल पड़ा था। बीएचयू में धरना प्रदर्शन के दौरान जिस तरह से आईआईटी को बीएचयू कैंपस से अलग करने का प्रयास हुआ उसपर बीएचयू के पुरातन छात्रों का रिएक्शन जानने के लिए हमारी टीम वाराणसी के सबसे खास जगह अस्सी स्थित पप्पू के चाय की अड़ी पर पहुंची, जहां बीएचयू के पुरातन छात्रों की प्रतिक्रिया सामने आई। बीएचयू के पुरातन छात्र और वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के स्पोकपर्शन अशोक पांडेय से बातचीत करने पर उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो मैं बीएचयू में घटी घटना की निंदा करता हूं। बीएचयू की घटना में दोषी मैं दोनों को मानता हूं। दोषी इसलिए की हॉस्टलों में निकलने का एक समय होता है लड़की ने उसका उल्लंघन किया। वही हॉस्टल के अधिकारियों और के प्रॉक्टोरियल के अधिकारियों का दोष यह है कि लड़की के निकलने के समय ध्यान नहीं दिया।
किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा बटवारा
उन्होनें कहा कि यह घटना होने के बाद ही पुलिस को तत्काल आरोपियों को गिरफ्तार करना चाहिए था। लेकिन इसकी आड़ में लगातार जब से आईआईटी बना है तब से वहां के प्रोफेसर चाहते हैं कि बीएचयू आईआईटी अलग हो जाए। पंडित मदन मोहन मालवीय जी ने भिक्षाटन करके यूनिवर्सिटी का निर्माण किया। पंडित मदन मोहन मालवीय जी को यह लगा कि देश को इंजीनियर डॉक्टर और प्रोफेसर्स की जरूरत है तब उन्होंने इस कैंपस का निर्माण किया। 9 वर्ग मील का हाता मधुबन की शांति चाहता था ना की मरघट की शांति। लेकिन जब से इस तरह के कुलपति आने लगे हैं पहले बड़े-बड़े कुलपति आते थे जैसे बीवी गिरी,कालूनाथ श्रीमाली।
महामना के सपनों को चूर-चूर कर रहे हैं भ्रष्ट कुलपति और प्रोफेसर
मेरा यह मानना है कि आईआईटी भु को बांटना महामना के आदर्शों को बांटने जैसा ही है और जो इस तरह का कृत्य करेगा उसे हम बीएचयू का जिन्ना मानेंगे। हम लोगों के समय में किसी के अंदर इतनी हिम्मत नहीं थी कि बीएचयू में इस तरह की घटना को अंजाम दे सके। मुझे लगता है कि बीएचयू के जो पूर्व छात्र आज देश की सियासत में बड़े पदों पर है उनको भी अपना मौन तोड़ना चाहिए। महामना के सपनों को चूर-चूर करने का काम कर रहे हैं भ्रष्ट कुलपति और प्रोफेसर। अगर आपको बीएचयू के छात्रों की करतूत देखनी है तो अस्सी घाट पर रात के 2:00 बजे आ जाइए वहां आपको दिख जाएगा विभिन्न फैकल्टियों के छात्र और छात्राएं वहां घाट पर बैठे हुए आपको मिल जाएंगे।
बीएचयू के पुरातन छात्र रहे गजेंद्र ने बताया कि मैं 1983 में बीएचयू का एचडी का छात्र रहा। बीएचयू के छात्र संघ के पदाधिकारी उसे समय काफी सक्रिय भूमिका में रहते थे। बीएचयू के किसी भी छोटी या बड़ी घटना को छात्र संघ के अधिकारी उसको दूर करते थे। लेकिन अब वो माहौल नहीं रहा। बीएचयू के प्रोफेसर ही चाहते हैं कि आईआईटी को चाहरीदीवारी से घेर दिया जाए लेकिन हम लोग ऐसा होने नहीं देंगे।
बीएचयू कैंपस में जमीन दान करने वाले परिवर से बिलांग कारने वाले अभिषेक सिंह ने बताया कि महामना जी की बगिया को लोग निजी स्वार्थ के लिए राजनीति का अखाड़ा बना दिए हैं। अगर बीएचयू में बंटवारा होगा तो हमारी जो संपत्तियां बीएचयू में गई है उसे वापस कर दिया जाए। जो आसपास के गांव की संपत्तियां गई है हम लोग अपना कब्जा करेंगे। पुराने समय का जो बीएचयू का माहौल था वह माहौल अब नहीं रह गया है और वर्तमान माहौल को बदलने की जरूरत है। विश्वविद्यालय प्रशासन को ऐसा सख्त नियम लाना चाहिए की रात 12:00 बजे के बाद कोई भी छात्र कैंपस से बाहर ना जा पाए। अगर बटवारा करना ही है तो हम लोग बीएचयू आईआईटी को जमीन नहीं दिए हैं हम लोग महामना जी को जमीन दिए थे।