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Varanasi News: ब्रिटिश मंत्री लॉर्ड पार्किन्सन ने किया बीएचयू का दौरा, कुलपतियों की बैठक के लिए वीसी को किए आमंत्रित

Varanasi News: बीएचयू आगमन पर प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में विविध व अनेक क्षेत्रों में अध्ययन व अनुसंधान होता है।

Durgesh Bhatt
Published on: 25 Aug 2023 7:53 PM IST
Varanasi News: ब्रिटिश मंत्री लॉर्ड पार्किन्सन ने किया बीएचयू का दौरा, कुलपतियों की बैठक के लिए वीसी को किए आमंत्रित
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(Pic: Newstrack)

Varanasi News: ब्रिटेन के कला व विरासत तथा संस्कृति, मीडिया व खेल विभाग के मंत्री लॉर्ड पार्किन्सन ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय तथा ब्रिटिश शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग के अनेक ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन के साथ शुक्रवार को एक बैठक में ये बात कहीं। लॉर्ड पार्किन्सन जी 20 शिखर सम्मेलन की एक बैठक में हिस्सा लेने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल के साथ वाराणसी में हैं।

उन्होंने कहा, “भारत और ब्रिटेन विभिन्न क्षेत्रों में लंबे समय से साझेदारी कर रहे हैं। बीएचयू के साथ सहयोग बढ़ाकर मैं इस साझेदारी को और आगे ले जाने के प्रति आशान्वित हूं। इस महान विश्वविद्यालय में आना एक सुखद अनुभव है।“ काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की विशेषताओं, विशेषज्ञता तथा समृद्ध विरासत को रेखांकित करते हुए ब्रिटिश मंत्री ने कहा कि ब्रिटेन में कई ऐसे प्रतिष्ठित व उत्कृष्ट संस्थान है, जो अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को सहयोग व साझेदारी के शानदार अवसर उपलब्ध करा सकते हैं। उन्होंने आने वाले कुछ हफ्तों में भारत में आयोजित होने वाली ब्रिटिश व भारतीय कुलपतियों की बैठक में शामिल होने के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को भी आमंत्रित किया।

बैठक में ब्रिटिश काउंसिल, भारत, के शीर्ष पदाधिकारी तथा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। दोनों पक्षों ने रंगमंच, कला, डिज़ाइन, संगीत व नृत्य, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति, नेतृत्व क्षमता कार्यक्रम समेत अनेक ऐसे विषयों पर विचारों का आदान प्रदान किया जिनमें सहयोग के अवसर हैं। ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल ने भारत के अग्रणी उच्च शिक्षण संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की क्षमता व विद्वता तथा यहां उपलब्ध अवसरों को रेखांकित किया। विश्वविद्यालय द्वारा ऐसे क्षेत्र सुझाए गए, जिनमें पारस्परिक सहयोग से दोनो तरफ के हितधारक लाभान्वित हों।

बीएचयू आगमन पर प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में विविध व अनेक क्षेत्रों में अध्ययन व अनुसंधान होता है। उन्होंने कहा कि मंच एवं कला, दर्शन, संस्कृति, विरासत, पुरातत्व एवं प्राकृतिक चिकित्सा ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें बीएचयू की विशेषज्ञता अतुलनीय है, ऐसे में इस संस्थान में शोध व अध्ययन की अपार संभावनाएं हैं। प्रो. जैन ने कहा, “कुछ ऐसे क्षेत्र है, जिनमें काशी हिन्दू विश्वविद्यालय जैसा अनुभव व अवसर किसी और संस्थान के पास नहीं है। ऐसे में इन क्षेत्रों में कार्य करने के लिए बीएचयू उत्तम संस्थान है।” उन्होंने कहा कि पारस्परिक सहयोग के तहत ब्रिटिश अध्येताओं, विशेषज्ञों तथा शिक्षाविदों की मेज़बानी करने में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को प्रसन्नता होगी। कुलपति ने सुझाव दिया कि ब्रिटिश काउंसिल की ओर से ऐसे नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम तैयार किये जा सकते हैं, जिनसे विश्वविद्यालय के सदस्य प्रशिक्षित व लाभान्वित हों। उन्होंने कहा रंगमंच एक ऐसा महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिसमें सहयोग की संभावनाएं बन सकती हैं।

ब्रिटिश काउंसिल में इंडिया ऑपरेशन्स की निदेशक ऐलिसन बैरट एमबीई ने कहा काउंसिल द्वारा अनेक भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने भारतीय संस्थानों के साथ साझेदारी हेतु ब्रिटेन सरकार की योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के साथ विशिष्ट कार्यक्रम तैयार किये जाने चाहिए। भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह नीति भारतीय तथा विदेशी शिक्षण संस्थानों के मध्य संवाद व सहयोग को सरल बनाती है और अब इस बारे में समझौते करना तथा एक दूसरे का साथ मिलकर काम करना आसान हो गया है। उन्होंने कहा कि अगले महीने ब्रिटिश और भारतीय कुलपतियों की बैठक शैक्षणिक संस्थाओं के प्रमुखों के लिए एक अच्छा अवसर होगा कि वे ऐसे क्षेत्रों का चयन कर सकें, जिनमें सहयोग को आगे बढ़ाया जा सकता है।

ब्रिटिश काउंसिल भारत में निदेशक, कला, जॉनाथन केनेडी ने बताया कि ब्रिटेन में अनेक ऐसे संस्थान व संस्थाएं हैं जो कला के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश संस्थान कला प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में पाठ्यक्रम चलाते हैं, जिसमें बेहतर अवसर भी उपलब्ध हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि इस क्षेत्र में भारतीय व ब्रिटिश संस्थान मिल कर काम कर सकते हैं।

अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के समन्वयक प्रो. एस.वी.एस. राजू ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सहयोगों के बारे में जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल ने विद्यार्थियों व संकाय सदस्यों से भी संवाद किया। इस दौरान विद्यार्थियों ने ऐसे क्षेत्रों का सुझाव दिया जिनमें ब्रिटेन की विशेषज्ञता व निपुणता का लाभ उन्हें मिल सके। ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल में संस्कृति, मीडिया तथा खेल विभाग में कल्चरल डिप्लोमेसी की टीम लीड हेली रेन्स, लॉर्ड पार्किन्सन के सहायक निजी सचिव जैक मैटलेस, ब्रिटिश काउंसिल भारत में वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी पारोमिता चौधरी, तथा कन्ट्री कम्युनिकेशन मैनेजर सोन्जुही नेगी भी शामिल थे। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की ओर से संवाद कार्यक्रम में मंच कला संकाय के प्रमुख प्रो. शशि कुमार, प्रो. राजेश शाह, प्रो. प्रवीण उद्धव, प्रो. संगीता पंडित, प्रो. बी. सी. कापड़ी, डॉ. विधि नागर, तथा कुलपति के सलाहकार ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) नरिन्दर सिंह ने हिस्सा लिया।

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