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Varanasi News:'गो प्रतिष्ठा निर्णायक दिवस', गोरक्षा के लिए 17 मार्च को 'भारतीय गौ क्रांति मंच' से चलेगा अभियान

Varanasi News: बहुसंख्यक हिन्दुओं के देश में गौमाता की हत्या बन्द हो और उन्हें राष्ट्रमाता घोषित किया जाए ऐसा देश के चारों वर्तमान पूज्यपाद शङ्कराचार्यगणों की भी इच्छा है।

Ajit Kumar Pandey
Published on: 13 March 2025 11:08 PM IST
Cow Respect Day, campaign for cow protection will be run from Bharatiya Gau Kranti Manch on March 17
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गो प्रतिष्ठा निर्णायक दिवस', गोरक्षा के लिए 17 मार्च को 'भारतीय गौ क्रांति मंच' से चलेगा अभियान (Photo- Social Media)

Varanasi News: अपने भारत देश में गौमाता को सर्वाधिक पूज्या माना गया है। एक ओर जहां 'गावो विश्वस्य मातरः' कहकर गाय को समस्त विश्व की माता कहा गया है तो वहीं 'पशवो न गावः' कहकर गाय को पशु कहने का स्पष्ट निषेध हमारे धर्मग्रन्थ करते हैं। ऐसे में यदि भारत की धरती पर गौमाता को पशु के रूप में तिरस्कृत करा जाए, गौमाता का रक्त इस हिंदूभूमि में गिरे तो यह हम सभी भारतीयों के माथे पर एक बड़ा कलङ्क है।

गौमाता की हत्या बन्द हो

बहुसंख्यक हिन्दुओं के देश में गौमाता की हत्या बन्द हो और उन्हें राष्ट्रमाता घोषित किया जाए ऐसा देश के चारों वर्तमान पूज्यपाद शङ्कराचार्यगणों की भी इच्छा है। धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज की प्रेरणा से, चारों पीठों के शंकरचार्यों के आशीर्वाद तथा समस्त गौभक्तों व सन्तों-महन्तों के समर्थन से गो प्रतिष्ठा आंदोलन के संयोजक पूज्य गोपाल मणि जी महाराज 'भारतीय गौ क्रांति मंच' के माध्यम से विगत अनेक वर्षों से गौरक्षा अभियान चला रहे हैं।

सम्प्रति इस अभियान में ज्योतिर्मठ के जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती '1008' भी अनुग्रह करके आगे आए जिनके सान्निध्य में भारत में गो प्रतिष्ठा आंदोलन निरंतर बड़ रहा है। परामराध्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने वर्तमान संवत्सर को गो संवत्सर घोषित किया जिसके अंतर्गत भारत में 3 बार गो संसद का आयोजन हुआ, गोवर्धन गिरिराज जी की प्रदक्षिणा कर दिल्ली संसद भवन तक नंगे पैर पदयात्रा की, सभी राज्यो की राजधानी में गो ध्वज की स्थापना की गई तथा इस यात्रा के प्रभाव से ही महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा गो माता को राज्य माता का सम्मान प्रदान किया गया किंतु इसके बाद भी अभी तक केंद्र की सरकार, विपक्ष सहित संसदीय राजनीतिक दल इसमें संवेदनहीन ही बने हुए हैं।

संपूर्ण राष्ट्र में प्रांतीय सरकारों, केन्द्र सरकार सहित सभी राजनैतिक पार्टियो को पत्र भेज कर जानने का यत्न किया जा रहा है की वह गोभक्त है या गोहत्या के समर्थक है? संपूर्ण देश में गो मांस खाने वालों की संख्या गो भक्तों से कम है और जिस देश में जनादेश के आधार पर बहुमत की सरकार होती है वो बहुमत का सम्मान करती है। इसके बाद भी भारत में बहुसंख्यक हिंदू समाज की आराध्या गौमाता को पशु की सूची में रख, उसकी दुर्गति एवं हत्या के द्वारा हिन्दुओं को नित्य अपमानित एवं पीड़ित किया जा रहा है ।

गो को पशु की सूची से हटाकर, गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करें

गौमाता की दुर्गति, हत्या को देखकर अब हम सभी गोभक्तों का धैर्य टूट रहा है जिसके लिये आगामी 17 मार्च को दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में ‘गो प्रतिष्ठा निर्णायक दिवस’आयोजित किया जा रहा है। यह हम सभी गौभक्तों की ओर से केन्द्र सरकार, सभी राज्य सरकारों और भारत के समस्त राजनीतिक दलों के लिए अन्तिम अवसर होगा कि वो 17 मार्च तक गो को पशु की सूची से हटाकर, गोहत्या को बंद कर, गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने से सम्बंधित प्रतिज्ञा पत्र देकर स्पष्ट घोषणा करे जिससे स्वयमेव निर्धारण हो जाएगा कि कौन गो हत्यारा है और कौन गो रक्षक है ? इसी के साथ गोहत्या बन्द करने में अगर केंद्र सरकार को कोई छिपी अडचन है तो वो भी सार्वजनिक करें ताकि गोभक्त उस पर भी विचार कर सकें।

गो प्रतिष्ठा निर्णायक दिवस , 17 मार्च 2025 को

इस तरह प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अंतिम संवाद एवं अंतिम अपेक्षा की जा रही है जिसके तहत गो प्रतिष्ठा निर्णायक दिवस , 17 मार्च 2025 को रामलीला मैदान दिल्ली में गौमाता एवं गोवंश के हितार्थ सूर्योदय से गोधूलि बेला तक ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य पूज्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी, पूज्य गोपाल मणि जी महाराज , साधु संत एवं गोभक्त बैठेंगे और समस्त पार्टियां, राज्य सरकारों सहित भारत सरकार का गो प्रतिष्ठा आंदोलन पर उनकी स्थिति एवं पक्ष जानने हेतु अंतिम प्रतीक्षा करेंगे।

पत्रकार वार्ता को स्वामी श्री प्रत्यक्चैतन्य मुकुन्दानन्द गिरी जी, गो प्रतिष्ठा आंदोलन के सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, भारतीय गौ क्रांति मंच के राष्ट्रीय महासचिव विकास पाटनी, गोपाल दास जी महाराज और राजा सक्षम सिंह योगी ने संबोधित किया।

Shashi kant gautam

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