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Varanasi News: छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित महानाट्य का मंचन 21-26 नवम्बर से होगा शुरू: आचार्य शान्तनु महाराज
Varanasi News: शान्तनु महाराज ने बताया कि सेवा भारती काशी प्रान्त व जाणता राजा आयोजन समिति काशी प्रांत द्वारा जाणता राजा महानाट्य का मंचन बीएचयू में 6 दिन तक होना तय हुआ है।
Varanasi News: छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित महानाट्य जाणता राजा का आयोजन आगामी 21-26 नवम्बर तक प्रतिदिन सायं 5.30 से 8.30 बजे तक एम्फी थियेटर मैदान बीएचयू में होना सुनिश्चित हुआ है। उक्त जानकारी प्रसिद्व कथा वाचक आचार्य शान्तनु जी महाराज ने सिगरा स्थित एक होटल में पत्रकारवार्ता में दी। इस दौरान प्रांत प्रचारक रमेश जी, विपिन सिंह व हिंदू युवा वाहिनी के मंडल प्रभारी अम्बरीष सिंह भोला मौजूद रहे।
शान्तनु जी महाराज ने बताया कि जाणता राजा महानाट्य में छत्रपति शिवाजी के जन्म से लेकर छत्रपति बनने तक की ऐतिहासिक गौरवगाथा को तीन घंटे के जाणता राजा महानाट्य के जरिए दर्शाया जायेगा। दरअसल, मराठी भाषा में जाणता राजा का अर्थ एक बुद्दिमान एवं दूरदर्शी शासक से होता है। मंच पर उत्तम प्रकाश व्यवस्था, पात्रों के अनुरूप् दमकते हुए कास्टयूम तोप, हाथी घोड़ों पर सवार सैनिक और गीतों से यह नाटक सुसज्जित होगा।
6 दिन तक होगा संचालन
शान्तनु महाराज ने बताया कि सेवा भारती काशी प्रान्त व जाणता राजा आयोजन समिति काशी प्रांत द्वारा जाणता राजा महानाट्य का मंचन बीएचयू में 6 दिन तक होना तय हुआ है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन के माध्यम से जनमानस में राष्ट्रप्रेम जगाना, अपनी संस्कृति, संस्कार एवं अपने गौरवशाली इतिहास को जनमानस तक पहुंचाना तथा एक कुशल शासक के गुणों से अवगत कराना है। साथ ही इससे प्राप्त सहयोग धनराशि से सेवा भारती द्वारा विभिन्न सेवा प्रकल्पों का संचालन करना है।
घरों में नहीं लगते था ताला
उन्होंने बताया कि नाटक की कहानी 300 वर्ष पूर्व शुरू होती है। महाराष्ट्र उस समय ऐश्वर्य सम्पन्न था। यहां घरों में ताले नहीं लगते थे। यहां के वासी दान स्वीकार करने में शर्माते थे। उसी दौरान भारत भूमि पर पठानों की सेना मराठाओं पर हमला कर देती है। हमले में पठानों की विजय होती है और देवगिरी हार जाता है। मुगलों द्वारा जनता पर जुल्म ढाहे जाते हैं। लड़कियों और लड़कों को गुलाम बना लिया जाता है। उन्हें कोड़ो से पीटा जाता है।
टिकट की है व्यवस्था
शान्तनु जी महाराज ने बताया कि जाणता राजा महानाट्य में टिकट की भी व्यवस्था की गयी है, जो पांच प्रकार से है। इसमें 200, 500, 1000, 2500 व 5000 रुपये तक के टिकट उपलब्ध हैं। 200 रुपये का टिकट केवल विद्यार्थियों के लिए है। बैठक में सुनील सिंह, आशुतोष सिंह आशु, अजय सिंह, श्रवण मिश्रा, प्रतीक श्रीवास्तव, उमेश सिंह, सन्नी मौर्या, दिनेश अग्रहरी, संजीव सिंह व अन्य मौजूद थे।