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Varanasi News: ज्ञानवापी केस में ASI सर्वे पर आज बड़ा फैसला, मुस्लिम पक्ष लगातार कर रहा है आपत्ति

Varanasi News: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में कल वाराणसी की जिला जज की अदालत एक अहम फैसला सुनाने जा रही है। कोर्ट हिंदू पक्ष की उस याचिका पर फैसला सुनाएगी जिसमें वजूखाने को छोड़कर संपूर्ण परिसर के एएसआई सर्वे की मांग की गई है।

Purushottam Singh Varanasi
Published on: 20 July 2023 5:47 PM IST (Updated on: 21 July 2023 9:39 AM IST)

Varanasi News: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में कल वाराणसी की जिला जज की अदालत एक अहम फैसला सुनाने जा रही है। कोर्ट हिंदू पक्ष की उस याचिका पर फैसला सुनाएगी जिसमें वजूखाने को छोड़कर संपूर्ण परिसर के एएसआई सर्वे की मांग की गई है। इसे लेकर 16 मई को हिंदू पक्ष की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी।

हिंदू पक्ष कर रहा ज्ञानवापी की प्रमाणिकता सामने लाने की मांग

वाराणसी जिला जज की कोर्ट से आने वाला यह फैसला इस केस में टर्निंग प्वाइंट हो सकता है। हिंदू पक्ष को इस बात का विश्वास है जिस तरीके से पिछले साल कोर्ट कमिश्नर की कार्रवाई के दौरान ज्ञानवापी परिसर के अंदर हिंदू देवी देवताओं और दीवारों पर शंख, चक्र, गदा, कमल के निशान मिले थे, उसी तर्ज पर अगर एएसआई सर्वे होता है तो ज्ञानवापी की प्रमाणिकता सामने आ जाएगी।

एएसआई सर्वे मस्जिद को संभावित नुकसान की बात

दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष एएसआई जांच का लगातार विरोध कर रहा है मुस्लिम पक्ष का तर्क है कि अगर ज्ञानवापी परिसर के अंदर एएसआई जांच होती है तो कहीं ना कहीं जो मस्जिद की दीवारें हैं और भूभाग हैं, वह क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। हालांकि हिंदू पक्ष का यह कहना है कि अब बहुत सारी ऐसी टेक्नोलॉजी आ गई है जिससे बगैर किसी तोड़फोड़ के किसी भी भवन या भूभाग का वैज्ञानिक परीक्षण किया जा सकता है। इसके पहले कोर्ट में दाखिल जवाब के अनुसार मुस्लिम पक्ष ने यह दावा किया था कि ज्ञानवापी परिसर को मुगल शासक औरंगजेब ने बनवाया था वहां पर 1669 से ही नमाज अदा होती आई है। मुस्लिम पक्ष ने बकायदा औरंगजेब को एक बेहतर शासक बताया था उनका यह भी दावा था की बिहार झारखंड और पूर्वांचल के व्यापारी जब कारोबार के सिलसिले में वाराणसी आते थे तो इस दौरान यह लोग ज्ञानवापी के अंदर नमाज अदा करते थे।

सुप्रीम कोर्ट ने 29 अगस्त तक केंद्र सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा

पिछले 2 साल से चल रही अदालती लड़ाई के दौरान मुस्लिम पक्ष यह साबित करने में नाकामयाब रहा है कि ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी के 1991 के वरशिप एक्ट का उल्लंघन है, इसके साथ ही ज्ञानवापी परिसर बक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी है या नहीं इसे भी साबित करने में मुस्लिम पक्ष कामयाब नहीं रहा है। इन दो बिंदुओं को हवाला बनाकर अब हिंदू पक्ष एसआई जांच की मांग कर रहा है। इससे जांच से संबंधित एक अन्य मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

12 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्ञानवापी परिषद के अंदर वजूखाने के पास मिली शिवलिंगनुमा आकृति की ASI जांच की मांग की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर अंतरिम रोक लगा दी। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, सुप्रीम कोर्ट ने 29 अगस्त तक केंद्र सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है। ऐसे में मुस्लिम पक्ष ने जिला जज के सामने यह गुहार लगाई कि जब तक सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है। ज्ञानवापी परिषद के एसआई जांच की इजाजत न दी जाए।



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Purushottam Singh Varanasi

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